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आसियान और भारत के मंत्रियों ने FTA समीक्षा पर की चर्चा, 10 देशों के मंत्रियों ने लिया हिस्सा

आसियान-भारत के आर्थिक मंत्रियों की मंत्रणा में ‘आसियान इंडिया ट्रेड इन गुड्स एग्रीमेंट’ (एआईटीआईजीए) की समीक्षा पर चर्चा की गई। रविवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

01:25 PM Aug 30, 2020 IST | Desk Team

आसियान-भारत के आर्थिक मंत्रियों की मंत्रणा में ‘आसियान इंडिया ट्रेड इन गुड्स एग्रीमेंट’ (एआईटीआईजीए) की समीक्षा पर चर्चा की गई। रविवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

आसियान-भारत के आर्थिक मंत्रियों की मंत्रणा में ‘आसियान इंडिया ट्रेड इन गुड्स एग्रीमेंट’ (एआईटीआईजीए) की समीक्षा पर चर्चा की गई। रविवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। 
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वर्चुअल बैठक शनिवार को आयोजित की गई, जिसकी सह-अध्यक्षता केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वियतनाम के उद्योग एवं व्यापार मंत्री ट्रान तुआन एन्ह ने की, इसमें सभी 10 आसियान देशों के व्यापार मंत्रियों ने भाग लिया। 
मंत्रियों ने महामारी के आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुपालन में क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं और दवाओं के विशेष रूप से निर्बाध प्रवाह को बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने बढ़ते व्यापार संबंधों और दो पक्षों के बीच आर्थिक जुड़ाव को गहरा करने को सराहा। आसियान भारत व्यापार परिषद (एआईबीसी) की रिपोर्ट मंत्रियों के समक्ष रखी गई। एआईबीसी रिपोर्ट ने सिफारिश की है कि पारस्परिक लाभ के लिए एआईटीआईजीए की समीक्षा की जाएगी। 
वाणिज्य मंत्रालय के बयान के अनुसार, भारत और आसियान देशों के मंत्रियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को और अधिक अनुकूल, सरल और व्यापार सुगम बनाने के लिए जल्द से जल्द समीक्षा के पैमाने को निर्धारित करने के लिए चर्चा शुरू करें। इसने कहा, “समीक्षा समकालीन व्यापार सुविधाओं, और सुव्यवस्थित सीमा शुल्क और नियामक प्रक्रियाओं के साथ समझौते को आधुनिक बनाएगी।”
चर्चा की शुरूआत करते हुए, गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मुक्त व्यापार समझौते को पारस्परिक रूप से लाभप्रद होना चाहिए और सभी पक्षों के अनुकूल होना चाहिए। उन्होंने मूल प्रावधानों के नियमों को मजबूत करने, नॉन-टैरिफ बाधाओं को हटाने की दिशा में काम करने और बाजार तक बेहतर पहुंच प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। 
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