चमत्कार! अहमदाबाद विमान हादसे के मलबे में सही सलामत मिली भगवत गीता-देखें VIDEO
अहमदाबाद विमान हादसे के मलबे में सही सलामत मिली भगवत गीता
एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि भगवद गीता के पन्ने बिना किसी नुकसान के सुरक्षित हैं. एक भी पेज जला नहीं है, कोना भी फटा नहीं है, जबकि आसपास के सभी सामान नष्ट हो चुके हैं
Ahmedabad plane crash: अहमदाबाद में गुरुवार को हुए भयानक एयर इंडिया विमान हादसे में अब तक 265 लोगों के शव मलबे से निकाल लिए गए हैं. राहत और बचाव कार्य रात भर लगातार जारी रहा. हादसे के स्थल से मलबा हटाने में जुटी टीम को एक बेहद रोचक और चमत्कारी वस्तु भी मिली है, जो एक एक भगवद गीता की प्रति है. यहां खास बात यह है कि विमान हादसे में लगभग सब कुछ जलकर राख हो गया, विमान का धातु तक पिघल गया, लेकिन भगवद गीता की एक प्रति पूरी तरह से सुरक्षित पाई गई.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि भगवद गीता के पन्ने बिना किसी नुकसान के सुरक्षित हैं. एक भी पेज जला नहीं है, कोना भी फटा नहीं है, जबकि आसपास के सभी सामान नष्ट हो चुके हैं.
तेजी से वायरल हो रहा वीडियो
वायरल वीडियो में घटनास्थल का मलबा साफ दिख रहा है. वीडियो में एक व्यक्ति भगवद गीता की प्रति लिए हुए नजर आता है और वह इसके पन्ने पलटकर भी दिखाता है. बताया जा रहा है कि राहत कार्य के दौरान यह भगवद गीता मलबे से मिली थी. इस चमत्कारिक घटना ने कई लोगों को हैरान कर दिया है.
कल हुआ विमान हादसा
यह विमान हादसा एयर इंडिया की बोइंग 787 ड्रीमलाइनर फ्लाइट AI-171 का था, जो गुरुवार दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी. लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद, विमान अचानक तेजी से नीचे गिर गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
हादसे के बाद काले धुएं का गुबार आसमान में फैल गया. इस विमान में कुल 230 यात्री सवार थे, जिनमें 169 भारतीय और 53 ब्रिटिश नागरिक शामिल थे. साथ ही 12 क्रू मेंबर्स भी उड़ान में मौजूद थे.
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हादसे में पूर्व CM विजय रूपाणी की मौत
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी इसी विमान में सवार थे और उनकी भी इस हादसे में मौत हो गई है. मृतकों की संख्या में उनका नाम भी शामिल है. यह हादसा पूरे देश के लिए एक बड़ी त्रासदी बन गया है. इस दुर्घटना में केवल एक यात्री विश्वाश कुमार रमेश ही जिंदा बच पाया है. वह विमान की सीट 11A पर बैठा था.
घटना से लगभग 30 सेकंड पहले उसने आपातकालीन विंडो से कूदकर अपनी जान बचाई. विश्वाश कुमार की इस साहसिक हरकत ने उसकी जान बचाई, जबकि बाकी सभी यात्रियों का कुछ नहीं हो सका. यह हादसा विमान सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन के महत्व को फिर से याद दिलाता है. भगवद गीता के सुरक्षित मिलने की कहानी ने इस दुखद घटना में एक आश्चर्यजनक पहलू जोड़ दिया है, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.