Mission Schools of Excellence: गुजरात में शिक्षा की तस्वीर बदल रहा है देश का सबसे बड़ा स्कूल अपग्रेडेशन अभियान
गुजरात में चल रहा Mission Schools of Excellence अब देश का सबसे बड़ा स्कूली शिक्षा अभियान बन चुका है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य सरकार ने अब तक 13,353 नए क्लासरूम, 21,000 कंप्यूटर लैब, 1.09 लाख स्मार्ट क्लासरूम और 5,000 STEM लैब का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है।
इस योजना की शुरुआत 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में की गई थी। इसका उद्देश्य राज्य की लगभग 40,000 सरकारी और अनुदानित स्कूलों को भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे से सुसज्जित करना है। Mission Schools of Excellence के तहत अब तक 12,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जिसमें वर्ल्ड बैंक की ओर से $750 मिलियन की सहायता भी शामिल है।
क्लासरूम और स्मार्ट क्लासरूम निर्माण में तेजी
इस मिशन के तहत 50,000 नए क्लासरूम बनाए जाने का लक्ष्य है। अभी तक इनमें से 13,353 क्लासरूम पूरी तरह बन चुके हैं, जबकि 31,469 पर निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है। साथ ही, 27,872 पुराने क्लासरूम का आधुनिकीकरण पूरा हो चुका है, और 63,860 क्लासरूम को आधुनिक स्वरूप देने का कार्य प्रगति पर है।
स्मार्ट क्लासरूम की दिशा में भी बड़ी सफलता मिली है। कुल 1.5 लाख नए स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाने हैं, जिनमें से 1.09 लाख पहले ही तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा 26,000 स्मार्ट क्लासरूम को सरकारी और अनुदानित स्कूलों में लागू किया जा रहा है।
डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अब तक 21,000 कंप्यूटर लैब स्थापित की जा चुकी हैं। वहीं, 18,000 स्कूलों में नई कंप्यूटर लैब लगाने का कार्य चल रहा है। ये सभी पहल स्कूलों में तकनीकी शिक्षा को सहज और प्रभावी बनाने की दिशा में उठाए गए ठोस कदम हैं।
Mission Schools of Excellence: एक परिवर्तनकारी पहल
इस मिशन के चलते पिछले 22 वर्षों में गुजरात की स्कूल शिक्षा प्रणाली में बुनियादी सुधार हुए हैं। स्कूल एनरोलमेंट में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट तकनीक और STEM आधारित शिक्षा से शिक्षण गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। Mission Schools of Excellence सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि यह गुजरात में शिक्षा के भविष्य को नई दिशा देने वाला क्रांतिकारी प्रयास बन चुका है।