मोदी कैबिनेट ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा निधि बनाने के प्रस्ताव को दी मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर से प्राप्त होने वाली राशि से स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक ‘एकल गैर व्यपगत रिजर्व कोष’ के रूप में ‘प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा निधि’ बनाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी ।
05:28 PM Mar 10, 2021 IST | Ujjwal Jain
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर से प्राप्त होने वाली राशि से स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक ‘एकल गैर व्यपगत रिजर्व कोष’ के रूप में ‘प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा निधि’ बनाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई ।
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सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इसमें वित्त अधिनियम 2007 के सेक्सन 136 बी के तहत लिए जाने वाले स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर से प्राप्त होने वाली राशि से स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक ‘एकल गैर व्यपगत रिजर्व कोष’ के रूप में ‘प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा निधि’ (पीएमएसएसएन) बनाने का प्रस्ताव किया गया है ।
इसमें कहा गया है कि पीएमएसएसएन सार्वजनिक खाते में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक ‘एकल गैर व्यपगत रिजर्व कोष’ होगा । स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर से प्राप्त राशि में से स्वास्थ्य का अंश पीएमएसएसएन में भेजा जाएगा। पीएमएसएसएन में भेजी गई राशि का इस्तेमाल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई), आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी), राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) में होगा ।
इसके अलावा प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा निधि का इस्तेमाल स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों में आपातकालिन एवं आकस्मिक विपत्ति काल में तैयारी एवं प्रतिक्रिया के लिये किया जा सकेगा । इस राशि का उपयोग ऐसे किसी अन्य भावी कार्यक्रम/योजना में किया जा सकेगा जिसका लक्ष्य एसडीजी की दिशा में प्रगति हासिल करना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के तहत तय लक्ष्यों को प्राप्त करना हो ।
बयान में कहा गया है कि पीएमएसएसएन योजना को लागू करने और उसकी रखरखाव की जिम्मेदारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की होगी। किसी भी वित्तीय वर्ष में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की उक्त योजनाओं का व्यय प्रारंभिक तौर पर पीएमएसएसएन से लिया जाएगा और बाद में सकल बजट सहायता से लिया जाएगा।
सरकार का मनना है कि तय संसाधनों की उपलब्धता के जरिए सार्वभौमिक और वहनीय स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच मुहैया कराई जा सकेगी और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी भी वित्तीय वर्ष के अंत में इसके लिए तय राशि समाप्त नहीं होगी।
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