PM मोदी के इस फैसले से कांग्रेस को झटका और शशि थरूर को बड़ा फायदा! इस योजना पर काम कर रही सरकार
Modi Govt Extends Parliamentary Committees: केंद्र सरकार संसद की स्थायी समितियों के मौजूदा कार्यकाल को बढ़ाने की योजना बना रही है। इसका मकसद इन समितियों की कार्यकुशलता और निरंतरता को बेहतर बनाना है ताकि वे विधेयकों, रिपोर्टों और अन्य नीतिगत मामलों की गहराई से जांच कर सकें। वर्तमान में इन समितियों का कार्यकाल 26 सितंबर को समाप्त होने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर सरकार यह फैसला लेती है तो इससे कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को खास राजनीतिक फायदा होगा।
Shashi Tharoor Benefit News: शशि थरूर के लिए क्यों है यह महत्वपूर्ण?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रस्ताव शशि थरूर के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। थरूर फिलहाल विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष हैं। यदि समिति का कार्यकाल बढ़ जाता है तो वे अपने पद पर दो साल और रह सकते हैं, जो उनकी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा। यह उनके लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में उनकी पार्टी के साथ कुछ मतभेद सामने आए हैं, लेकिन इस विस्तार से उनकी भूमिका और प्रभाव बना रहेगा।

Modi Govt Latest Decision: संसदीय समितियां क्या करती हैं?
संसदीय स्थायी समितियां संसद का एक अहम हिस्सा होती हैं, जिनमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य शामिल होते हैं। ये समितियां सरकार के प्रस्तावित कानूनों की समीक्षा करती हैं, सरकारी नीतियों की जांच करती हैं, और बजट के खर्चों का निरीक्षण करती हैं। इसके अलावा, ये समितियां मंत्रालयों से जानकारी मांगती हैं और उनसे जवाबदेही तय करती हैं। जब संसद का सत्र चल नहीं रहा होता, तब ये समितियां 'मिनी संसद' की तरह काम करती हैं। इसका मतलब है कि सांसद बिना पूरे संसद के सत्र का इंतजार किए, नीतिगत मामलों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और गहन जांच कर सकते हैं।
Modi Govt Extends Parliamentary Committees: मौजूदा नियम और कार्यकाल बढ़ाने की मांग
वर्तमान में, हर साल इन समितियों का पुनर्गठन होता है और सदस्य नए-नए चुने जाते हैं। लेकिन कई सांसद, जिनमें विपक्ष के सदस्य भी शामिल हैं, सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि समितियों का कार्यकाल कम से कम दो साल किया जाए। उनका मानना है कि एक साल का कार्यकाल बहुत कम होता है और उससे गहराई से विषयों की जांच करना संभव नहीं होता। हालांकि, इस प्रस्ताव के तहत समिति के अध्यक्ष बदले नहीं जाएंगे, लेकिन सदस्यों का कार्यकाल दोगुना किया जा सकता है। इससे समितियों को निरंतरता मिलती है और वे ज्यादा प्रभावी तरीके से काम कर पाती हैं।

कार्यकाल बढ़ाने के फायदे
संसदीय समितियों का कार्यकाल बढ़ने से विधायी प्रक्रिया में सुधार होगा। ज्यादा समय मिलने से समितियां बेहतर तरीके से कानूनों और नीतियों की समीक्षा कर सकेंगी। इससे सरकार के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी। सांसदों को भी गहराई से अध्ययन करने और सही सुझाव देने का मौका मिलेगा।
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