मोदी ने तीन अहम समुद्री पड़ोसी देशों के नेताओं के साथ वार्ता की
हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के अपनी नौसैनिक उपस्थिति बढ़ाना चाहने के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को इंडोनेशिया, थाईलैंड और म्यामां के शीर्ष नेताओं के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें की। ये तीनों देश रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण समुद्री पड़ोसी देश हैं।
05:10 PM Nov 03, 2019 IST | Shera Rajput
Advertisement
बैंकाक : हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के अपनी नौसैनिक उपस्थिति बढ़ाना चाहने के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को इंडोनेशिया, थाईलैंड और म्यामां के शीर्ष नेताओं के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें की। ये तीनों देश रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण समुद्री पड़ोसी देश हैं।
Advertisement
Advertisement
प्रधानमंत्री ने आसियान सम्मेलन से इतर बैठकें कीं। समझा जाता है कि सभी तीनों बैठकों में समुद्री सुरक्षा सहयोग के मुद्दे का जिक्र हुआ।
Advertisement
विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी और थाईलैंड के उनके समकक्ष प्रयुत चान-ओ-चा के बीच चर्चा में दोनों देश रक्षा उद्योग क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और पर सहमत हुए तथा व्यापार संबंध बढ़ाने का संकल्प लिया।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत और थाईलैंड ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंध रखने वाले करीबी समुद्री पड़ोसी देश हैं। समकालीन संदर्भ में, भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति को थाईलैंड की ‘लुक वेस्ट’ नीति पूरी करती है, जिसने संबंधों को गहरा, मजबूत और बहुआयामी बनाया है।’’
अपनी वार्ता में मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने आतंकवाद और कट्टरपंथ से मिलकर मुकाबला करने पर सहमत हुए।
मंत्रालय के मुताबिक भारत और इंडोनेशिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इसके अलावा आतंकवाद और चरमपंथ के खतरों से निपटने के लिये करीबी तौर पर काम करने का संकल्प लिया।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि मोदी ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति के तौर पर दूसरा कार्यकाल शुरू करने को लेकर विडोडो को बधाई दी और दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों एवं बहुलवादी समाजों के मिलकर काम करने का संदेश दिया। साथ ही, भारत ने रक्षा, सुरक्षा, संपर्क, कारोबार और निवेश के क्षेत्र में इंडोनेशिया के साथ मिलकर काम करने की भी प्रतिबद्धता जताई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री ने म्यामां की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची के साथ सार्थक बैठक की, जिस दौरान उन्होंने संपर्क और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तरीके तलाशे।
उल्लेखनीय है कि हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की सक्रियता बढ़ने के मद्देनजर तीनों देशों में अपना नौसैनिक सहयोग बढ़ाने की क्रमिक कोशिश कर रहा है।
कुमार ने ट्वीट किया,‘‘…प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षमता निर्माण, संपर्क और जनता के स्तर पर संपर्क बढ़ाने सहित अन्य विषयों पर म्यामां की स्टेट काउंसलर सूची के साथ एक सार्थक बैठक की।’’
फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि क्या बैठक में रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा भी उठा।
गौरतलब है कि एक बड़ी सैन्य कार्रवाई के बाद करीब सात लाख रोहिंग्या मुसलमान 2017 से म्यामां के रखाइन प्रांत से पलायन कर गये हैं। बड़ी संख्या में शरणार्थियों के पहुंचने से पड़ोसी बांग्लादेश में बड़ा संकट पैदा हो गया।
म्यामां भारत के रणनीतिक रूप से अहम पड़ोसी देशों में एक है और वह उग्रवाद प्रभावित नगालैंड एवं मणिपुर सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों के साथ 1,640 किमी लंबी सीमा साझा करता है।
मोदी आसियान-भारत, पूर्वी एशिया और आरसीईपी सम्मेलनों में शरीक होने के लिये शनिवार को तीन दिनों के दौरे पर यहां पहुंचे।

Join Channel