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मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश

04:55 AM Aug 16, 2025 IST | Aditya Chopra
पंजाब केसरी के डायरेक्टर आदित्य नारायण चोपड़ा

हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर देशवासियों को राष्ट्र नायक के सम्बो​धन का इंतजार रहता है। राष्ट्र नायकों की वाणी देशवासियों को बहुत प्रभावित करती रहती है। उनके विचार युवाओं में नई ऊर्जा का संचार करते रहे हैं। वैसे तो स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्र नायक सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख और जनता के हित में कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा करते हैं ले​िकन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसा राष्ट्र नायक हो तो उनका संदेश केवल देशवासियों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के ​िलए होता है। नरेन्द्र मोदी अपने जीवन में संघर्ष का सामना करते हुए देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए हैं। उनके विचारों से जन-जन के हृदय में भारतीय होने का गर्व महसूस होता है और वे लक्ष्य को हासिल करने के लिए नए जोश से आगे बढ़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। जब कोई व्यक्ति यह निश्चित कर लेता है कि उसे कुछ हासिल करना है तो उसे कोई भी रोक नहीं सकता। यह लोगों की शक्ति का प्रमाण होता है। देश का निर्माण सरकारें तो करती ही हैं​ बल्कि देश का निर्माण इसके नागरिकों की ताकत में होता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा अपने सशक्त विचारों और दिन-रात काम करने की शैली ने देशवासियों में आगे बढ़ने का जोश और जज्बा भरा है। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने 12वें सम्बोधन में भारत को समृद्ध भारत आैर आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की नई दिशा प्रस्तुत की है। उन्होंने तकनीकी प्रगति, आर्थिक आत्मनिर्भरता, देश की सुरक्षा और सामाजिक मुद्दों पर अनेक पहलुओं को उजागर ​किया है। उनका सम्बोधन आत्मनिर्भर भारत और 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए एक स्पष्ट दिशा और मजबूत संकल्प दर्शाता है।
स्वतंत्रता का अर्थ केवल बाह्य बंधनों से मुक्ति नहीं, बल्कि आंतरिक अनुशासन और आत्म-नियंत्रण है, जिसके बिना कोई भी राष्ट्र न तो दीर्घकालीन प्रगति कर सकता है, न ही आत्म-गौरव का अनुभव कर सकता है। भारत एक ऐसा ही राष्ट्र है इसकी जड़ों में संस्कृति, दर्शन और अध्यात्म की अद्भुत समृद्धता है। इसके पास केवल भौगोलिक विस्तार नहीं, बल्कि सांस्कृतिक गहराई भी है। आज भारत केवल राजनीतिक स्वतंत्रता की रक्षा नहीं करता, बल्कि वह आत्मनिर्भरता की दिशा में भी अग्रसर है। आत्मनिर्भर भारत का अभियान केवल एक आर्थिक योजना नहीं, बल्कि मानसिक स्वतंत्रता का घोष है। यह देशवासियों को कहता है कि हम विचारों, तकनीक, संसाधनों और चरित्र में आत्मनिर्भर बनें। आज भारत रक्षा क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमान, मिसाइलें और उपग्रह बना रहा है। विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में 'इसरो' और 'डीआरडीओ’ जैसी संस्थाएं विश्वस्तरीय अनुसंधान कर रही हैं। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे अभियान भारत को केवल आर्थिक महाशक्ति नहीं बना रहे, बल्कि आत्मविश्वास से परिपूर्ण राष्ट्र भी बना रहे हैं। यह वही आत्मविश्वास है, जो स्व-नियंत्रण से उपजता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेमीकंडक्टर उत्पादन में भारत के एक ताकत बनने का उल्लेख किया और घोषणा की कि इस साल के अंत तक मेड इन इंडिया चिप बनकर तैयार हो जाएगी। देश में सेमीकंडक्टर के 6 यूनिट बनकर तैयार हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी डॉलर पर भी निशाना साधा और कहा कि आत्मनिर्भरता का नाता सिर्फ आयात और निर्यात, रुपए, पैसे, पाउंड, डॉलर तक सीमित नहीं है। यह कहकर बिना डॉलर के लेन-देन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को दो टूक जवाब दे दिया है कि भारत अपने किसानों, डेयरी उत्पादकों के हितों पर समझौता नहीं करेगा। कोई भी नीति जो भारतीयों के हितों को खतरे में डालती हो मोदी उसके खिलाफ दीवार बनकर खड़ा है। यह ट्रम्प को साफ संदेश है कि भारत टैरिफ को लेकर कोई समझौता नहीं करने वाला। ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अगर हम आत्मनिर्भर नहीं होते तो ऑपरेशन सिंदूर जैसा बड़ा फैसला नहीं कर पाते। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए स्पष्ट कहा कि अगर उसने आगे भी ​िहमाकत की तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। भारत परमाणु ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं करेगा।
देश के रक्षा बलों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से उन्होंने सुदर्शन चक्र परियोजना का ऐलान किया। सुदर्शन चक्र परियोजना न केवल भारत की सुरक्षा करेगी बल्कि दुश्मनों का संहार भी करने में सक्ष्म होगी। उन्होंने दाम कम दम ज्यादा का नारा देते हुए कहा कि भारत अब सस्ते आैर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के ​िलए जाना जाएगा। प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की 100 वर्ष की यात्रा का उल्लेख करते हुए संघ को दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया। उन्होंने अवैध घुसपैठियों, नक्सलवाद, बेरोजगारी दूर करने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए नई योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने तीन करोड़ नौजवानों को रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना शुरू करने का भी ऐलान ​किया।  उन्होंने जीएसटी रिफार्म की घोषणा करते हुए देशवासियों को भरोसा दिया कि जीएसटी की दरें कम की जाएंगी, ताकि वस्तुएं कम दाम पर मिलें। देश के कई वर्गों खासतौर पर व्यवसायियों और उद्यमियों की मांग रही है कि जीएसटी की दरों की समीक्षा हो आैर उन्हें तर्कसंगत बनाया जा सके। जीएसटी की दरें कम होने से आम आदमी को राहत मिलेगी। प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल नारे काे जन आंदोलन बनाने की बात कही आैर देशवासियों को स्वदेशी अपनाने की अपील की। अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब मेड इन इं​िडया फाइटर जेट बनाए जा रहे हैं और भारत अब अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों को कड़े परिश्रम का आह्वान करते हुए कहा,
‘‘परिश्रम में जो तपा है
उसने ही तो इतिहास रचा है
जिसने फौलादी चट्टानों को तोड़ा है
उसने ही समय काे मोड़ा है।’’
प्रधानमंत्री ने भारतीयों को सफलता का मंत्र दे दिया है। अब हर देशवासी का दायित्व है कि वह विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के ​िलए जुट जाएं।

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