मोहाली एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाएंगा - कैप्टन अमरेंद्र सिंह
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लुधियाना- खटकड़ कलां : वतन की आजादी और जुल्म ढहाने वाले गोरे अंग्रेजों के काले शासन के खिलाफ ‘इंकलाब’ का झंडा बुलंद करने वाले त्रिमूर्ति शहीदों (स. भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव) के पावन पर्व से संबंधित आज पंजाब भर के अलग-अलग स्थानों, गांवों और कस्बों में बड़े श्रद्धा भाव से यह दिन मनाया गया। शहीदों से संबंधित शहीदी पर्व पर अलग-अलग सियासी पार्टियों के आगुओं ने भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को याद करते हुए सजदा किया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने नवांशहर के नजदीक शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में राज्य स्तरीय समारोह के दौरान भगत सिंह की पावन समाधि पर फूल अर्पण करने के बाद राज्य से नशे के खिलाफ दूसरी जंग ‘ड्रग अब्यूज प्रीवेंशन आफिसर ’( डेपो) की शुरूआत करते हुए शपथ उठाई।
डेपो बने नौजवान अपने-अपने इलाके में जाकर अन्य नौजवानों को नशे के प्रति जागरूक करेंगे। इस दौरान कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने यहां मौजूद बच्चों, अफसरों व लोगों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई। शहीदी समागम के दौरान कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब के मोहाली एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाएंगा। उन्होंने कहा कि इसके संबंध में पहले से ही केंद्र को पत्र लिखा जा चुका है और जल्द ही यह कार्यवाही मुकम्मल हो जाएंगी।
कैप्टन ने यह भी कहा कि युवा तभी सशक्त होगा, जब वह नशे का त्याग करेगा। कहा कि उनका सरकार नशा तस्करों के खिलाफ मुहिम छेड़े हुए है। नशे में शामिल लोगों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, सीएम ने खटकडक़लां में शहीद भगत सिंह यादगारी म्यूजियम का भी उद्घाटन किया। म्यूजियम के विस्तार प्रोजेक्ट का नींवपत्थर 2009 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रखा था। तब प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 16 करोड़ 81 लाख रुपये रखी गई थी। प्रोजेक्ट करीब 2 सालों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, मगर प्रोजेक्ट पहले दिन से ही फंडों के अभाव की वजह से देरी से शुरू हो पाया। पहले जमीन एक्वॉयर की गई, जिसके बाद इमारत तैयार की गई। यह काम भी रुक रुक कर चला। लाईटें लगीं तो काम फंडों के अभाव की वजह से लटक गया, समय बीतने के चलते मैटीरियल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो गई।
लगातार सालों से काम लटकते आने के मामले को मीडिया ने अकसर शहीद के जन्म दिवस के अवसर पर प्रमुखता से उठाया। जिसके चलते पुरात्तव विभाग के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ से अक्टूबर महीने की शुरूआत में खटकडक़लां में दौरा कर के न केवल अपने निजी खाते से शहीद के घर के सामने बने पार्क का बिजली का बिल करीब ढ़ाई लाख रुपये अपने खाते से जमा करवाया गया था बल्कि मीडिया के समक्ष एलान किया था कि 23 मार्च को म्यूजियम का उद्घाटन हर हाल में किया जाएगा।
ऐसा है म्यूजियम
आधुनिक तकनीक व भवन कला की इस ऐतिहासिक यादगार का मुख्य प्रवेश द्वारा मुख्य सडक़ के बजाय गांव खटकडक़लां के गेट के साथ बनाया गया है। यहां से प्रवेश करने के साथ ही पार्किंग, उसके बाद हरी घास, सामने शहीद भगत सिंह का बुत नजर आएगा। बुत के ठीक पीछ म्यूजियम की इमारत जिसमें प्रवेश करते ही स्वागती केंद्र व म्यूजियम की गलियों व अन्य स्थानों का नक्शा व माडल होगा।
यहां म्यूजियम में 20वीं सदी के शुरुआती दौर के पंजाब, पंजाब टाइमलाइन गैलरी, जिसमें जलियांवाला बाग का कत्लेआम, कूका लहर दो कारौन तोपों के आगे खड़े होकर देश प्रेम का सुबूत देने वाले बहादुर नामधारी आदि को दर्शाया गया है। जिसके बाद शहीद भगत सिंह के जन्म, परिवार का ब्यौरा, बचपन, नेशनल कॉलेज लाहौर, सांडरस की मौत, लाहौर रेलवे स्टेशन का माडल आकर्षण का केंद्र होगा।
– सुनीलराय कामरेड
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