कौन हैं भारतीय छात्र मोहम्मद हुसैन? जिसने यूक्रेनी सेना के सामने किया सरेंडर
Mohammad Hussain Surrender: यूक्रेन और रूस के बीच 3 साल से जंग जारी है। इस दौरान एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, एक भारतीय युवक, जो रूसी सेना के साथ यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहा था, उसे यूक्रेनी सेना ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए युवक की पहचान गुजरात के मोरबी जिले के साहिल मोहम्मद हुसैन के रूप में हुई है। वह सिर्फ 22 साल का है। यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि उसने युद्ध के मैदान में केवल तीन दिन बिताने के बाद ही हथियार डाल दिए और यूक्रेनी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
Mohammad Hussain Surrender: भारतीय मिशन कर रहा है जांच
कीव में मौजूद भारतीय दूतावास इस पूरे मामले की जानकारी जुटा रहा है और इस बात की जांच कर रहा है कि यह खबर कितनी सच्ची है। अभी तक यूक्रेन की सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक जानकारी भारत को नहीं दी गई है।

Gujarat man in Russia: रूस में पढ़ाई करने गया था युवक
यूक्रेनी सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, मोहम्मद हुसैन शुरुआत में पढ़ाई के लिए रूस गया था। लेकिन बाद में उस पर ड्रग्स से जुड़े काम में शामिल होने का आरोप लगा और उसे सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उसने जेल से बचने के लिए रूसी सेना में भर्ती होने का रास्ता चुना।
वीडियो में कबूली सच्चाई
यूक्रेन की सेना ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें मोहम्मद हुसैन रूसी भाषा में बोलते हुए दिख रहा है। उसने खुद यह स्वीकार किया कि उसने जेल जाने से बचने के लिए रूस की सेना में शामिल होने का फैसला किया था। वीडियो में वह कहता है, "मैं जेल नहीं जाना चाहता था, इसलिए मैंने रूसी सेना के साथ विशेष सैन्य अभियान के लिए एक अनुबंध साइन किया।"

Mohammad Hussain News: सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है और लोगों के बीच इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है। वीडियो में उसका व्यवहार शांत नजर आता है और वह पूरी बात को खुले तौर पर स्वीकार कर रहा है।
रूस की सेना में 150 से ज्यादा भारतीय
गौर करने वाली बात यह है कि यह पहला मामला नहीं है। भारत सरकार ने पहले भी बताया था कि करीब 27 भारतीय नागरिक रूस की सेना में सेवा देने के बाद रिहा किए जा चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 150 से अधिक भारतीय नागरिक रूसी सेना में भर्ती हो चुके हैं।

भारत ने उठाई आवाज
विदेश मंत्रालय ने रूस की सरकार से भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए बात की है और उन्हें स्वदेश वापस लाने की कोशिशें जारी हैं। भारत ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता भी जाहिर की है।
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