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नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद के साथ मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू

शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा को लेकर तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई।

06:55 AM Aug 06, 2019 IST | Desk Team

शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा को लेकर तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई।

नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा को लेकर तीन दिवसीय बैठक सोमवार को शुरू हुई। ऐसी संभावना है कि केंद्रीय बैंक सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये प्रमुख नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की और कटौती करेगा। इससे पहले, रिजर्व बैंक लगातार तीन बार रेपो दर में कुल 0.75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। 
आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘मौद्रिक नीति समिति की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के लिये 5 से 7 अगस्त 2019 को बैठक होगी। नीतिगत समीक्षा को 7 अगस्त को पूर्वाद्ध 11.45 बजे केंद्रीय बैंक की वेबसाइट पर डाल दिया जायेगा।’’ नीतिगत दर में कटौती के साथ ही उद्योग जगत की छह सदस्यीय एमपीसी से यह सुनिश्चित करने की भी उम्मीद है कि बैंक दर में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचे। इसके साथ ही उद्योग जगत आर्थिक तंत्र में नकदी की स्थिति में सुधार पर भी जोर दे रहा है। 
एमपीसी से उम्मीद के बारे में पूछे जाने पर यूनियन बैंक आफ इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राजकिरण राय जी ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘इस समय हमें वृद्धि को गति देने की जरूरत है। मुझे भरोसा है कि वे दरों में कटौती करेंगे।’’ 
उद्योग मंडल सीआईआई ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय बैंक ने आर्थिक वृद्धि के रास्ते में चुनौतियों और मुद्रा स्फीति के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे रहने के मद्देनजर इस साल फरवरी 2019 में नीतिगत दर में कटौती शुरू की। उसने कहा लेकिन दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों को मिलना अभी बाकी है। सीआईआई ने कहा है कि आरबीआई को नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.50 प्रतिशत की कटौती करनी चाहिए। इससे अर्थव्यवस्था में 60,000 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध होगी।
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