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इस समय देश में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक्शन मोड़ में है। बता दें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गोल्डन लैंड डेवलपर्स लिमिटेड के दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ और ओडिशा के 19 ठिकानों पर छापे मारकर 43.48 लाख नकदी और बैंक खातों में मौजूद 64.22 लाख रुपये जब्त किए हैं। साथ ही 35 लाख की कार भी जब्त की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए, जिनमें 1500 एकड़ जमीन के दस्तावेज भी शामिल हैं। कंपनी के विभिन्न परिसरों से डिजिटल उपकरणों को भी जब्त किया गया है। ईडी ने कंपनी के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), कोलकाता की एफआईआर पर जांच शुरू की थी। जांच से पता चला कि आरोपी व्यक्तियों, संस्थाओं और कंपनियों ने रियल एस्टेट विकास की आड़ में आम लोगों से भारी मात्रा में धन जुटाया था।
आपको बता दें आरोपियों ने आरबीआई, सेबी, आरओसी जैसे नियामकों की मंजूरी के बिना प्लॉट बुकिंग की आड़ में एकमुश्त जमा, आवर्ती जमा, मासिक निवेश योजनाएं, वाईएलवाई योजनाओं का अवैध कारोबार शुरू किया था। ईडी ने कहा, कंपनी में जमा की गई जमा राशि पर जमाकर्ताओं को लुभाने के लिए उच्च रिटर्न भी दिया गया। सहयोगी कंपनियों और निदेशकों और सहयोगियों के खातों में बड़े पैमाने पर नकदी के हस्तांतरण का भी पता चला है।
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस विधायक नारा भरत रेड्डी और कई अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में शनिवार को कर्नाटक में 12 से अधिक ठिकानों पर छापे मारे। सूत्रों के मुताबिक, बेल्लारी से 34 वर्षीय विधायक के परिसरों और कर्नाटक तथा तेलंगाना में स्थित कुछ अन्य परिसरों की तलाशी ली गई। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने रेड्डी के बेल्लारी और बंगलूरू में स्थित परिसरों की तलाशी ली। रेड्डी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कर्नाटक पुलिस की एक प्राथमिकी और भूमि सौदों के आरोपों से निकला है, जिसकी जांच ईडी कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय रेड्डी से कथित तौर पर जुड़े कुछ खनन व्यवसायों की भी जांच कर रहा है।