मॉनसून सत्र की तारीख तय, संसद में 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा सेशन
संसद का मॉनसून सत्र: 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चर्चा
संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने इसकी घोषणा की है। सरकार संसद के नियमों के अनुसार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
ससंद का मानसून सत्र कब से कब तक चलेगा इसकी घोषणा हो गई है। केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने इसकी जानकारी दी है। इस बार मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। पूरे 23 दिन तक मॉनसून सत्र चलेगा। इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार संसद के नियमों के अनुसार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
सरकार ने संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त 2025 तक चलाने का निर्णय लिया है: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू pic.twitter.com/XZHCvn7GiL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 4, 2025
21 जुलाई से शुरू होगा सेशन
तीन महीने से अधिक के अंतराल के बाद संसद के दोनों सदन 21 जुलाई को शुरू होगा। बता दें कि संसद का बजट सत्र इस साल 31 जनवरी को शुरू हुआ था। दोनों सदनों को 4 अप्रैल को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। बता दें कि आगामी मॉनसून सत्र में भारत- पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव ने युद्धविराम ले लिया। इन सभी मुद्दे पर विस्तार से चर्चा को लेकर लगातार विपक्षी दल विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे थे. वहीं अब केंद्र सरकार की तरफ से आगामी मॉनसून सत्र की तारीख सामने आ गई है।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा गया प्रस्ताव
संसद का आगामी मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा। संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति ने मानसून सत्र की तारीखों को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रस्ताव भेजा है। जानकारी के मुताबिक सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में 21 जुलाई से 12 अगस्त के बीच मानसून सत्र बुलाने की बात कही गई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस पहले सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। सरकार का कहना है कि संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान विपक्ष अगर नियमों के तहत चर्चा की मांग करता है तो हम पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
सरकार की क्या है तैयारी?
बता दें कि आगामी सत्र के दौरान सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की भी तैयारी कर रही है।जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की जल्दबाजी के बजाय सरकार विपक्षी दलों को विश्वास में लेना चाहती है। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू को जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया शुरू करने के बारे में विपक्षी दलों से बात करने की जिम्मेदारी दी गई है। किरण रिजिजू ने इस मुद्दे पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके के नेताओं से भी बात की है। वे अन्य दलों के नेताओं से भी बात कर रहे हैं।
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