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कोरोना से जंग में भारत के साथ खड़े हुए 40 से अधिक देश, ऑक्सीजन - वैक्सीन समेत हर मदद को तैयार

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये दुनिया के विभिन्न हिस्सों से 500 से अधिक ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 4,000 ऑक्सीजन सांद्रक, 10,000 ऑक्सीजन सिलेंडर आ रहे हैं।

07:49 PM Apr 29, 2021 IST | Ujjwal Jain

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये दुनिया के विभिन्न हिस्सों से 500 से अधिक ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 4,000 ऑक्सीजन सांद्रक, 10,000 ऑक्सीजन सिलेंडर आ रहे हैं।

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये दुनिया के विभिन्न हिस्सों से 500 से अधिक ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 4,000 ऑक्सीजन सांद्रक, 10,000 ऑक्सीजन सिलेंडर आ रहे हैं।श्रृंगला ने कहा कि भारत, मिस्र से रेमडेसिविर की 4,00,000 शीशियां खरीदने की दिशा में काम कर रहा है। इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश और उज्बेकिस्तान में भी रेमडेसिविर के स्टाक मौजूद हैं और इनसे सम्पर्क कर रहे हैं ।
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विशेष प्रेस वार्ता में विदेश सचिव ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए अमेरिका, रूस, यूरोप, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएई्, खाड़ी देशों, पड़ोसी देशों सहित 40 देशों से सहयोग की पेशकश की गई है ।श्रृंगला ने कहा कि सरकार मुख्य रूप से आक्सीजन उत्पादक संयंत्र, सांद्रक, आक्सीजन सिलिंडर, क्रायोजेनिक टैंकर सहित तरल आक्सीजन हासिल करने पर ध्यान दे रही है ।
उन्होंने कहा कि चिकित्स आपूर्ति सीधी खरीद एवं अन्य माध्यमों से लाई जा रही है ।विदेश सचिव ने कहा कि अमेरिका से तीन विशेष विमानों के अमेरिका से बड़ी मात्रा में चिकित्सीय आपूर्तियां आने वाली है जिसमें से दो विमान शुक्रवार को पहुंचेंगे ।रूस से भी बृहस्पतिवार को भारत को 20 टन चिकित्सा सामग्रियां आई जिनमें आक्सीजन सांद्रक, वेंटीलेटर, दवा शामिल हैं । इसके अलावा दुनिया के कई देशों ने महामारी की स्थिति से निपटने में सहयोग के लिये चिकित्सा आपूर्ति की घोषणा की है ।
बता दें, देश में कोरोना की दूसरी लहर इतनी तेज है कि पूरे देश में ऑक्सीजन के अलावा दवाईयों की कमी हो गई थी। हालांकि, ऑक्सीजन की स्थिति धीरे-धीरे नॉर्मल हो रही है लेकिन कई राज्य अभी भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए भारतीय वायुसेना की मदद ली जा रहा है।
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