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ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर जीएसटी घटाने को अधिकांश राज्य तैयार नहीं : सुशील

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)-आईटी कमेटी के अध्यक्ष एवं बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज बताया कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर जीएसटी की दर घटाकर 18 प्रतिशत करने को अधिकांश राज्य तैयार नहीं हैं।

05:09 PM Sep 14, 2019 IST | Shera Rajput

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)-आईटी कमेटी के अध्यक्ष एवं बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज बताया कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर जीएसटी की दर घटाकर 18 प्रतिशत करने को अधिकांश राज्य तैयार नहीं हैं।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)-आईटी कमेटी के अध्यक्ष एवं बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज बताया कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर जीएसटी की दर घटाकर 18 प्रतिशत करने को अधिकांश राज्य तैयार नहीं हैं। 
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श्री मोदी ने बेंगलुरू में आयोजित जीएसटी-आईटी कमेटी की बैठक के बाद यहां जारी बयान में बताया कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर जीएसटी के तहत लगने वाले 28 प्रतिशत कर को घटाकर 18 प्रतिशत करने पर अधिकांश राज्य तैयार नहीं है। कर संग्रह की वर्तमान स्थिति में टैक्स घटाने से करीब 45 हजार करोड़ के राजस्व की क्षति का अनुमान है। 
अध्यक्ष ने कहा कि 24 सितंबर से रिफंड का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सीधे करदाताओं के खाते में किए जायेंगे। इसके अलावा 01 जनवरी, 2020 से जीएसटी के तहत निबंधन के लिए आधार संख्या को अनिवार्य करने के साथ नया रिटर्न, जिसे काफी सरल कर दिया गया है को लागू किया जायेगा।
श्री मोदी ने बताया कि पहले की व्यवस्था में रिफंड का भुगतान केन्द, और राज्य अलग-अलग करते थे, जिसके कारण रिफंड लेने वालों को विलम्ब के कारण परेशानी होती थी तथा पारदर्शिता का भी अभाव रहता था। अब एक ही जगह से रिफंड स्वीकृत होगा और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सीधे करदाताओं के खाते में भुगतान किया जायेगा। 
अध्यक्ष ने बताया कि पहले जहां जीएसटी के तहत बड़ पैमाने पर धोखाधड़ कर बिना किसी कारोबार के भी अनेक लोग निबंधन करा कर करोड़ की हेराफेरी कर रहे थे, उन पर नकेल कसने के लिए अब 01 जनवरी, 2020 से निबंधन के लिए आधार संख्या को अनिवार्य कर दिया गया है। पहले से निबंधित डीलरों के लिए भी आधार संख्या देना अनिवार्य होगा। 
इसी तरह डीलरों को अब 01 जनवरी 2020 से नए रिटर्न दाखिल करना होगा, जिसे काफी सरल कर दिया गया है। नए रिटर्न का प्रारूप सार्वजनिक कर दिया गया है। अगले तीन महीने तक उसे भरने के लिए करदाताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
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