Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

मां और मर्यादा हुई शर्मसार

आधुनिक समाज में सोशल मीडिया एक निर्विवाद शक्ति है। दुनिया की आधी से…

11:07 AM Feb 13, 2025 IST | Aakash Chopra

आधुनिक समाज में सोशल मीडिया एक निर्विवाद शक्ति है। दुनिया की आधी से…

आधुनिक समाज में सोशल मीडिया एक निर्विवाद शक्ति है। दुनिया की आधी से ज़्यादा आबादी सोशल प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करती है और औसत व्यक्ति हर दिन कम से कम दो घंटे उन पर स्क्रॉल करने में बिताता है, इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि हमारे डिजिटल स्पेस ने हमारे जीवन को बदल दिया है जैसा कि हम जानते थे। हमें एक साथ आने और अपने आस-पास की दुनिया से जुड़े रहने के नए तरीके देने से लेकर आत्म-अभिव्यक्ति के लिए आउटलेट प्रदान करने तक सोशल मीडिया ने हमारे रिश्तों को शुरू करने, बनाने और बनाए रखने के तरीके को मौलिक रूप से बदल दिया है लेकिन जबकि ये डिजिटल समुदाय हमारे दैनिक जीवन में आम हो गए हैं। शोधकर्ता भविष्य की पीढ़ियों पर सोशल मीडिया के उपयोग के परिणामों को समझना शुरू कर रहे हैं। सोशल मीडिया मॉडल हर दिन बदल रहे हैं। मेटा और इंस्टाग्राम जैसे प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म सोशल के साथ-साथ प्राथमिक डिजिटल विज्ञापन स्थानों में भी विकसित हो रहे हैं। भारत में सभी के पास फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन इस्तेमाल करने का अधिकार होता है। यह अधिकार संविधान ने सबको दिया है लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं होता कि आप फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की आड़ में किसी को भी कुछ भी कह दें। सोशल मीडिया लोगों की जिंदगी में हावी हुआ है। तब से लोग किसी को भी कुछ भी बिना किसी अकाउंटेबिलिटी के कह देते हैं। आजकल बहुत से लोग महिलाओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर कुछ भी भद्दी पोस्ट कर देते हैं। किसी महिला को मेल पर कुछ भी अश्लील लिख देते हैं तो बता दें ऐसा करना कानूनन अपराध है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इसे लेकर फैसला सुनाया है। अगर कोई महिलाओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर कुछ भी अश्लील या भद्दा कमेंट या पोस्ट कुछ करता है तो उसे सजा हो सकती है। यू ट्यूबर और कॉमेडियन समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में यू ट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया ने एक ऐसी टिप्पणी कर कर दी थी जिसकी बड़े पैमाने पर आलोचना हो रही है और उसे बेहद अश्लील तथा आपत्तिजनक बताया जा रहा है।

रणवीर ने इस शो में एक प्रतिभागी से माता-पिता के निजी संबंधों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। रणवीर इलाहाबादिया जैसे लोग हमारे सामाजिक ताने-बाने को निगल रहे हैं और रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर एक पूरी पीढ़ी के नैतिक मूल्यों का हनन कर रहे हैं…वे जो कुछ भी बनाते हैं, वह सब बकवास होता है…कचरा होता है।’ ‘बीयरबाइसेप्स’ के नाम से मशहूर इलाहाबादिया ने इस चूक के लिए माफी मांगी है लेकिन यह मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। इससे मां-बहन और महिलाओं की मर्यादा शर्मशार हुई है।

फेसबुक की वीडियो वाली रील्स सेक्शन में गंदे और अश्लील वीडियो की भरमार है, उस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। सोशल मीडिया ने इसके उपयोगकर्ताओं को एक प्लटेफार्म उपलब्ध करवाया है। इस माध्यम द्वारा आप लेखन कार्य, पारिवारिक गतिविधियों, अपनी उपलब्धियों, विशेष पारिवारिक समारोह के चित्रों/वीडियो को व्यक्तिगत रूप से साझा कर सकते हैं और सार्वजनिक रूप से आम लोगों तक पहुंचा सकते हैं लेकिन सिक्के के दो पहलुओं की माफिक आजकल इंटरनेट और सोशल मीडिया के अच्छे-बुरे दोनों रूपों के इस्तेमाल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इन प्लेटफॉर्म्स को जहां आप अपनी रुचियों के परिमार्जन और आपसी मेल-मिलाप आदि के दृष्टिकोण से सदुपयोग कर सकते हैं तो वहीं कुछ दुष्ट प्रवृत्ति के लोग इन प्लेटफॉर्म्स को रुपया कमाने और हमारी युवा शक्ति को बिगाड़ कर सामाजिक माहौल को दूषित करने में दिन-रात लगे हुए हैं। लिहाजा इन माध्यमों पर परोसी जा रही अश्लीलता पर कानूनी तौर पर रोक लगाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है। सबसे पहले 1997 में पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सिक्सडिग्री लॉन्च किया गया था। इसकी स्थापना एंड्रयू वेनरिच ने की थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक साल में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 7.6 फीसदी बढ़ी है और यह 4.72 अरब तक पहुंच गई है। भारत में फेसबुक पर एक महीने में लगभग 200 करोड़, यूट्यूब पर 100 करोड़, इंस्टाग्राम पर 70 करोड़, रेडिट के 25 करोड़, पिनट्रेस्ट के 15 करोड़, आस्क एफएम के 16 करोड़ उपयोगकर्ताओं सहित करोड़ों भारतीय अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर विजिट्स करते हैं। आज दुनिया की कुल आबादी के 60 प्रतिशत से अधिक के बराबर जनता सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रही है।

ऑनलाइन शिक्षण के नाम पर बच्चों को स्मार्टफोन देना या उपलब्ध करवाना और उसे हर वक्त डाटा उपलब्ध करवाना मां-बाप की मजबूरी बन चुकी है। अब अभिभावक शिक्षित हो या अशिक्षित प्रत्येक क्षण अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने से रहे, ऐसे में भारत में बढ़ता स्मार्टफोन्स का बाजार मां-बाप के समक्ष नई चुनौतियां भी खड़ी कर रहा है। ऊपर से फेसबुक, यूट्यूब और पोर्न साइट्स पर परोसी जा रही अश्लीलता से परिस्थितियां गंभीर होती जा रही हैं।

वर्तमान समय में द्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक, लिंक्डइन, स्नैपचैट, व्हाट्सएप और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म व्यापक रूप से सूचना के स्रोत के रूप में उपयोग किए जाते हैं, हालांकि कभी-कभी इनके माध्यम से गलत सूचना का प्रसार भी हो जाता है। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने नए आईटी नियमों को 26 मई 2021 को लागू किया है। नए नियमों के अनुसार व्हाट्सऐप और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए भेजे और शेयर किए जाने वाले मैसेजेस के ओरिजनल सोर्स को ट्रैक करना जरूरी बनाया गया है। यानी अगर कोई गलत या फेक पोस्ट वायरल करता है तो सरकार कंपनी से उसके ऑरिजनेटर के बारे में पूछ सकती है और सोशल मीडिया कंपनियों को बताना होगा कि उस पोस्ट को सबसे पहले किसने शेयर किया था। जिस प्रकार आज धड़ल्ले से फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता परोसी जा रही है, वह भारतीय संस्कृति के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और भारत सरकार को निश्चित रूप से ऐसी साइट्स को तुरंत प्रभाव से ब्लॉक कर सख्त कानूनी प्रावधानों को समाज हित में लागू करना चाहिए, अन्यथा सोशल मीडिया बेलगाम हो जाएगा।

Advertisement
Advertisement
Next Article