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MP की सियासत होने जा रही दलबदल की शिकार? BJP और कांग्रेस दोनों कर रहे बड़ी सेंधमारी का दावा

मध्य प्रदेश में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल कांग्रेस इन दिनों आमने-सामने है। इसकी वजह कोई जनता का मुद्दा नहीं बल्कि दलबदल है।

03:33 PM Apr 24, 2022 IST | Desk Team

मध्य प्रदेश में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल कांग्रेस इन दिनों आमने-सामने है। इसकी वजह कोई जनता का मुद्दा नहीं बल्कि दलबदल है।

मध्य प्रदेश में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल कांग्रेस इन दिनों आमने-सामने है। इसकी वजह कोई जनता का मुद्दा नहीं बल्कि दलबदल है। दोनों ओर से दावे किए जा रहे हैं कि बड़ी संख्या में विधायक और नेता पाला बदलने वाले हैं। राज्य में सत्ता का बदलाव दलबदल से हुआ था और 24 से ज्यादा विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था, जिसके चलते कांग्रेस के हाथ से बाजी निकल गई और भाजपा की सत्ता में वापसी हुई। उसके बाद कई नेताओं और विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा। 
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MP में BJP और कांग्रेस में होने वाले हैं बड़े बदलाव?
अब विधानसभा चुनाव में एक साल से ज्यादा का समय है और दोनों दलों की ओर से दावे किए जा रहे हैं कि कई विधायक और नेता अपने दलों को छोड़ना चाह रहे हैं। संभावित दलबदल का बड़ा खुलासा राज्य सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने किया है। उनका कहना है कि कांग्रेस के कई विधायक और नेता भाजपा में आने को तैयार हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस में कोई भी नेता रहना नहीं चाहता। इशारों इशारों में तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि भाजपा जिस दिन चाहेगी कई विधायक कांग्रेस छोड़कर उसके साथ आ जाएंगे।
BJP और कांग्रेस के बीच शुरू होने जा रहा दलबदल का दौर?
एक तरफ भूपेंद्र सिंह का यह बयान आया तो दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी दावा कर दिया कि भाजपा के कई विधायक कांग्रेस में आने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा है कि कई भाजपा विधायक मेरे संपर्क में हैं। राज्य में भाजपा और कांग्रेस दोनों राजनीतिक दलों ने अपने विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया है। इसमें कई विधायक की अपने क्षेत्र में स्थिति कमजोर निकली है। संभावना इस बात की जताई जा रही है कि वर्तमान में कई ऐसे विधायक हैं जिन्हें पार्टी अगली बार चुनाव मैदान में उतारने से कतराएगी। 
इसके साथ ही जिन विधायकों के तेवर पार्टी के खिलाफ हैं, उनका भी टिकट कट सकता है। परिणाम स्वरूप जो विधायक अपने को खतरे में पा रहे हैं वे पार्टी बदलने की तैयारी में है। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस की ओर से विधायकों के पाला बदलने के दावे किए जा रहे हैं।
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