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सांसद अश्विनी चोपड़ा ने दिलाया अतिथि अध्यापकों को भरोसा

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06:55 PM Dec 04, 2017 IST | Desk Team

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करनाल: पिछले 33 दिनों से सीएम सिटी में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे अतिथि अध्यापकों के लिए कुछ आस बंधी है। यह आस करनाल के सांसद श्री अश्विनी चोपड़ा की वजह से बंधी है। उनके निवास पर ज्ञापन पत्र देने पहुंचे अतिथि अध्यापकों के प्रतिनिधिमंडल को सांसद ने भरोसा दिलाया कि वह उनकी आवाज आने वाले संसदीय सत्र में देश की सबसे बड़ी महापंचायत में उठाएंगे। उन्होंने कहा कि यही नहीं कि वह मुख्यमंत्री को बकायदा पत्र भी लिखेंगे और प्रदेश के शिक्षामंत्री से भी बातचीत करेंगे। यदि कोई अधिकारिक अड़चन न आई तो सरकार उनकी बात पर अमल करेगी, लेकिन सांसद ने साथ ही यह नसीहत भी दी कि पहले उन्हें मुख्यमंत्री और प्रदेश के शिक्षा मंत्री से अपनी मांगों को लेकर बातचीत भी करनी चाहिए थी।

इस बीच बैठे भाजपा के जिला अध्यक्ष जगमोहन आनंद ने भी अतिथि अध्यापकों से कहा कि अतिथि अध्यापकों ने अभी तक उनसे कोई बात नहीं की वरना मुख्यमंत्री से मिलवाने को लेकर वह खुद उनसे बातचीत करते। आज अतिथि अध्यापकों का प्रतिनिधिमंडल, जिनमें काफी महिलाएं शामिल थीं वह सभी सांसद अश्विनी चोपड़ा के निवास पर ज्ञापन देने पहुंचे हुए थे। सीएम सिटी में पड़ाव के 33वें दिन इंद्री ब्लाक से नारंग चंद की अध्यक्षता में बाबूराम, राजेश, हरदीप व इंद्रजीत धरने पर बैठे। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने सांसद से कहा कि गेस्ट टीचर लगातार 12 साल से मानसिक परेशानी को झेल रहे हंै। सरकार आने पर पहली कलम से नियमित करने का वायदा करने वाली भाजपा सरकार आज गेस्ट टीचरों को घर बैठाने पर तुली हुई है। नियमित करना तो दूर हमारे कुछ जेबीटी साथियों को सरप्लस के नाम से घर बैठा दिया है।

सरकार की इस मंशा को अब सहन नहीं किया जाएगा। संघ की मुख्य मांगों में सरकार हटाए गए जेबीटी सहित सभी गेस्ट टीचरों को तुरन्त प्रभाव से समायोजित करने के आदेश जारी करे। नियमित नियुक्ति के आदेश जारी नहीं होने तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए समान काम समान वेतन लागू करे तथा जल्द से जल्द गेस्ट टीचरों को रेगुलर करने के आदेश जारी कर रेगुलर करने के अपने वायदे को पूरा करने का काम करे। सांसद ने अतिथि अध्यापकों से कहा कि पहले भी अतिथि अध्यापकों का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने आया था तब भी उन्होंने उन्हें समय दिया था। कुछ दिन पहले अतिथि अध्यापकों ने फिर से समय मांगा था तब वह अब उन्हें समय दे रहे हैं। वह उनकी मांग को प्रदेश सरकार के समक्ष ही नहीं बल्कि देश की सबसे बड़ी महापंचायत में भी उठाएंगे।

उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वह अपने स्तर पर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलकर अपनी बात रखें और प्रदेश के शिक्षा मंत्री से भी बातचीत करने का प्रयास करें। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि उनके दरवाजे हमेशा उनके लिए खुले हैं। बहरहाल वहां मौजूद अतिथि अध्यापकों ने सांसद अश्विनी चोपड़ा का धन्यवाद किया और कहा कि जब भी वह उनके दरवाजे पर आते हैं तो उन्हें आशा की किरण नजर आती है। इसलिए जब उनकी कोई बात नहीं सुनता तो वह उनके सामने बात रखने के लिए पहुंच जाते हैं। फिलहाल अतिथि अध्यापकों को आशा की किरण नजर आई है, क्योंकि सांसद ने उन्हें यह आश्वासन जरूर दिया है कि प्रदेश सरकार के समक्ष उनकी मांग रखने के साथ-साथ वह संसद के शीतकालीन सत्र में भी यह मामला उठाएंगे, क्योंकि यह मामला केवल हरियाणा प्रदेश का नहीं है बल्कि अन्य राज्यों में भी अतिथि अध्यापकों की हालत खस्ता बनी हुई है। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री, जिला अध्यक्ष कैथल सुभाष रविश, जिला अध्यक्ष करनाल राजकुमार, महिला विंग जिला प्रधान सुरेंद्र सहगल, वरिष्ठ उपप्रधान रीतू मान, जिला महासचिव मेनका शर्मा, नरेंद्र संधु, मंडल प्रधान कुलदीप संधु, ईशम सिंह, रणधीर सांवत, महिंद्र बतान, सुनील, महेश, राम कुमार, हरीश ग्रोवर, राम कुमार आदि मौजूद रहे।

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– हरीश चावला

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