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MP : शिवराज कैबिनेट ने लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित बिल के ड्राफ्ट को दी मंजूरी

मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित बिल के ड्राफ्ट को लेकर प्रदेश कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

03:09 PM Dec 27, 2020 IST | Desk Team

मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित बिल के ड्राफ्ट को लेकर प्रदेश कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित बिल के ड्राफ्ट को लेकर प्रदेश कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान की शनिवार सुबह अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक, 2020 के ड्राफ्ट को मंजूरी दी गई। बिल के मुताबिक,पैत्रिक धर्म में वापसी को धर्मांतरण नहीं माना जाएगा। कानून में पैत्रिक धर्म उसे माना गया है।  जो संबंधित व्यक्ति के पिता का उनके जन्म के समय धर्म रहा हो। यह विधेयक 28 दिसंबर से प्रस्तावित विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। 
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बैठक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जानकारी दी। गृह मंत्री ने बताया कि कानून में बलपूर्वक धर्म परिवर्तन के मामलों में 1-5 साल तक के कारावास और कम से कम 25 हज़ार रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। महिला, नाबालिग और एससी-एसटी के धर्म परिवर्तन के मामलों में दोषियों को 2 से 10 साल तक की जेल के अलावा 50 हजार रुपए का जुर्माने दोषियों को देना होगा।प्रस्तावित कानून मध्य प्रदेश के फ्रीडम ऑफ रिलीजन ऐक्ट, 1968 की जगह लेगा और यह उत्तर प्रदेश के लव जिहाद कानून से भी ज्यादा सख्त है। 
नए कानून के तहत अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन के लिए संबंधित जिले के कलेक्टर को एक महीने पहले आवेदन देना होगा। धर्मांतरण कर शादी करने के लिए कलेक्टर के पास आवेदन देना अनिवार्य होगा। बिना आवेदन के अगर धर्मांतरण किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नए कानून में कुल 19 प्रावधान है, जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन शिकायत करते हैं तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। अगर किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक कि सजा दी जाएगी। अगर कोई शख्स धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी। अपराध गैर जमानती होगी।
माता-पिता, भाई-बहन की शिकायत के अलावा न्यायालय की अनुमति से मत परिवर्तित व्यक्ति से संबंधित (रक्त, विवाह, दत्तक ग्रहण, अभिरक्षा में हो) व्यक्ति की शिकायत पर जांच होगी। विवाह शून्य होने की स्थिति में महिला और उसके बच्चों को भरण पोषण का हक मिलेगा। किसी भी व्यक्ति के अधिनियम का उल्लंघन करने पर एक से पांच साल का कारावास एवं कम से कम 25 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित करने का प्रविधान रखा गया है।
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