सांसद निधि : तृणमूल कांग्रेस ने केन्द्र के फैसले को मनमाना बताया, प्रदेश भाजपा ने किया बचाव
प्रदेश भाजपा का कहना है कि यह फैसला जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और जिनको इससे दिक्कत है, वे ऐसे लोग हैं जो अपनी निधि का कभी समुचित उपयोग नहीं करते।
11:56 PM Apr 06, 2020 IST | Desk Team
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने सांसद निधि को अस्थाई रूप से रोकने के भाजपा-नीत केन्द्र सरकार के फैसले की सोमवार को आलोचना करते हुए उसे ‘‘मनमाना और सनक भरा’’ बताते हुए कहा कि इससे सांसद अपने क्षेत्र में विकास कार्य नहीं कर पाएंगे। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलों से सलाह लिए बगैर ही मुद्दे पर फैसला ले लिया।
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लेकिन, प्रदेश भाजपा का कहना है कि यह फैसला जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और जिनको इससे दिक्कत है, वे ऐसे लोग हैं जो अपनी निधि का कभी समुचित उपयोग नहीं करते। रॉय ने कहा, ‘‘एमपीलैड (सांसद निधि) को अस्थाई रूप से रोकने का फैसला मनमाना और सनक भरा है। हम इसका विरोध करते हैं। केन्द्रीय मंत्रिमंडल और प्रधानमंत्री ने हमारे साथ चर्चा किए बगैर ही सभी सांसदों के संबंध में फैसला कर लिया।’’ उन्होंने कहा कि इससे सांसदों के पास निधि नहीं होगी और वे अपने क्षेत्र में विकास कार्य नहीं करा सकेंगे।
सरकार ने सोमवार को तय किया कि वह सांसद निधि योजना को दो साल के लिए निलंबित करके उस धन को भारत की संचित निधि में डालेगी। 2020-21 और 2021-22, दो वर्ष में कुल सांसद निधि की राशि होगी 7,900 करोड़ रुपये। कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए सभी सांसदों के वेतन में एक साल तक 30 प्रतिशत की कटौती के केन्द्र सरकार के फैसले पर रॉय ने कहा, ‘‘हमें इस सबंध में कुछ नहीं कहना है।’’ लेकिन तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सुखेन्द्र शेखर रॉय ने जानना चाहा कि क्या नौकरशाहों का वेतन भी काटा जाएगा।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि यह फैसला जनता के हितों को ध्यान मे रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘देश संकट के दौर से गुजर रहा है। पूरी अर्थव्यवस्था इससे बुरी तरह प्रभावित है। इसलिए केन्द्र सरकार ने जनता के हित में यह फैसला लिया है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।’’
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