MPSC पेपर लीक घोटाला, पुणे में दो आरोपी गिरफ्तार
पुणे क्राइम ब्रांच ने की त्वरित कार्रवाई, दो हिरासत में
पुणे क्राइम ब्रांच ने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) के उम्मीदवारों को प्री-एग्जाम प्रश्नपत्र रखने का दावा करके धोखा देने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी दीपक दयाराम गायधाने (26) और सुमित कैलास जाधव (23) 2 फ़रवरी को होने वाली महाराष्ट्र ग्रुप बी (गैर-राजपत्रित) संयुक्त प्री-एग्जाम से पहले नासिक-पुणे क्षेत्र के छात्रों को 40 लाख रुपये में पेपर बेचने की कोशिश कर रहे थे। डीसीपी क्राइम ब्रांच पुणे निखिल पंगाले के अनुसार, “यह जानकारी 30 जनवरी को मिली थी। आयोग के पास कुछ शिकायतें आई थीं और कुछ अखबारों ने इस बारे में लिखा था कि लोगों को कुछ अज्ञात नंबरों से कॉल आ रहे हैं और कॉल पर उन्हें बताया जा रहा है कि उन्हें 40 लाख रुपये में प्रश्नपत्र दिए जाएंगे।”
पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने सूचना मिलने के बाद तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए और त्वरित जांच के बाद चाकन के म्हालुन्गे एमआईडीसी में गायधने और जाधव को हिरासत में लिया गया। पुलिस के अनुसार, पूछताछ के दौरान दोनों ने कबूल किया कि उन्हें भंडारा निवासी योगेश सुरेंद्र वाघमारे से 24 उम्मीदवारों की सूची मिली थी और उन्होंने नासिक के नंदगांव के छात्रों से संपर्क कर उन्हें घोटाले में फंसाया था।
उन्होंने कहा कि “अभी तक की जांच में हमें इन लोगों से पेपर लीक होने या ऐसे किसी सवाल या प्रश्नपत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।” महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की सचिव डॉ. सुवर्णा खरात की शिकायत के आधार पर बुंदगार्डन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। आरोपों में भारतीय दंड संहिता और महाराष्ट्र प्रतियोगी परीक्षा (अनुचित आचरण की रोकथाम) अधिनियम के तहत उल्लंघन शामिल हैं।
अधिकारियों ने बाद में नागपुर अपराध शाखा की सहायता से वाघमारे को नागपुर में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि वाघमारे ने सूची कैसे प्राप्त की और क्या इस घोटाले में कोई छात्र शामिल था। अभी तक, वास्तविक पेपर लीक का कोई सबूत नहीं है, और जांच जारी है। मामले की वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा बारीकी से निगरानी की जा रही है।