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महाराष्ट्र में MSRTC ने नए साल पर 1,300 नई बसें शामिल कीं

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम,1 जनवरी 2025 को 1,300 नई बसें शामिल करने जा रहा है।

05:30 AM Dec 18, 2024 IST | Samiksha Somvanshi

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम,1 जनवरी 2025 को 1,300 नई बसें शामिल करने जा रहा है।

महाराष्ट्र में msrtc ने नए साल पर 1 300 नई बसें शामिल कीं

MSRTC 1,300 नई बसें शामिल करने जा में रही है

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) 1 जनवरी, 2025 को अपने बेड़े में 1,300 नई बसें शामिल करने जा रहा है। MSRTC के चेयरमैन भरत गोगावले ने इसे महाराष्ट्र के लोगों के लिए ‘नए साल का तोहफा’ बताया है। राज्य के मंत्री और MSRTC के चेयरमैन भरत गोगावले ने कहा, “बेड़े में शामिल की जा रही ये नई बसें लाल परी की सेवाओं का लाभ उठाने वाले महाराष्ट्र के आम लोगों के लिए नए साल का तोहफा हैं।”

‘लाल परी’ राज्य परिवहन बसों को दिया जाने वाला वैकल्पिक नाम है। MSRTC के चेयरमैन के अनुसार, यह कदम यात्रियों के लिए सुरक्षित और अधिक आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए राज्य की परिवहन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है।

इस कदम के लिए पिछले 2 सालों से प्रयास चल रहे थे

गोगावाले ने कहा, “लेकिन यह रातों-रात नहीं हुआ है, बल्कि इसके लिए पिछले 2 सालों से प्रयास चल रहे थे। जल्द ही हम अपने बेड़े का आकार और भी बढ़ाएंगे और हम सभी को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” 1,300 बसों में से, लगभग 450 बसें राज्य के विशिष्ट क्षेत्रों को समर्पित होंगी, जिनमें नासिक-संभाजी नगर, नागपुर-अमरावती और मुंबई-पुणे क्षेत्र शामिल हैं। MSRTC ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “अब MSRTC ने आखिरकार अपने बेड़े में लगभग 1300 बसें शामिल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

MSRTC के बेड़े में लगभग 18,500 बसें थीं

जिसके तहत मुंबई-पुणे क्षेत्र के अलावा नासिक-संभाजी नगर और नागपुर-अमरावती सहित प्रत्येक क्षेत्र के लिए लगभग 450 बसें सेवा में होंगी।” COVID-19 महामारी से पहले, MSRTC के बेड़े में लगभग 18,500 बसें थीं, जिनमें से 15,500 सेवा में थीं, जो प्रतिदिन 65 लाख यात्रियों को सेवा प्रदान करती थीं। हालांकि, बसों की खराब स्थिति और नई बसों की कमी के कारण एमएसआरटीसी को अपने बेड़े में करीब 1,000 बसें कम करनी पड़ीं, जिससे सेवा में सिर्फ 14,500 बसें ही बचीं। इससे रोजाना यात्रियों की संख्या में कमी आई और यह 54 लाख रह गई।

बसों की कमी के कारण MSRTC को घाटा सहना पड़ा

बयान में कहा गया है, “मांग के बावजूद बसों की कमी के कारण एमएसआरटीसी को कई सालों तक घाटा सहना पड़ा।” नए बेड़े के शामिल होने से एमएसआरटीसी को अपने घाटे की भरपाई और लाभ कमाने की उम्मीद है। MSRTC के बयान में कहा गया है, “ये नई बसें नए साल में सेवा में आ जाएंगी। इससे एमएसआरटीसी को अपने घाटे की भरपाई करके लाभ कमाने की उम्मीद है।” बयान में कहा गया है, “जिससे राज्य के गरीब लोग “लाल परी” (एसटी बसों को प्यार से इसी नाम से पुकारा जाता है) सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे, साथ ही उनकी जेब पर भी बोझ कम पड़ेगा।”

[एजेंसी]

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Samiksha Somvanshi

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