टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

मुंगेर का वानिकी महाविद्यालय इतना सुंदर होगा कि देश भर से लोग इसे देखने आएंगे : नीतीश कुमार

नौकरी नहीं मिलने की सूरत में ऋण वापस करने के लिए विद्यार्थियों को बाध्य नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वानिकी महाविद्य

02:41 PM Sep 25, 2019 IST | Desk Team

नौकरी नहीं मिलने की सूरत में ऋण वापस करने के लिए विद्यार्थियों को बाध्य नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वानिकी महाविद्य

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 105 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले वानिकी महाविद्यालय एवं 80 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अभियंत्रण महाविद्यालय, मुंगेर का रिमोट के जरिये शिलापट्ट का अनावरण कर शिलान्यास एवं कार्यारम्भ किया। मुंगेर के पोलो मैदान में आयोजित समारोह को लेकर बने मंच पर विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती हरजोत कौर ने मुख्यमंत्री को गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया। भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव  चंचल कुमार ने स्मृति चिन्ह के रूप में पुस्तक भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। समारोह में वानिकी महाविद्यालय, मुंगेर पर आधारित एनिमेटेड फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
Advertisement
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। मुंगेर की यह धरती ऐतिहासिक और पौराणिक है। उन्होंने कहा कि योग का एक बड़ा संस्थान मुंगेर में है। हमारी अपनी मान्यता है कि यह देश का सर्वश्रेष्ठ योग संस्थान है जहां देश के सभी हिस्सों के साथ ही दुनिया भर से लोग आते हैं। इस धरती को हम प्रणाम करते हैं। मुंगेर में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के  विधायक  विजय कुमार विजय की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम भी चाहते हैं कि मुंगेर में मेडिकल कॉलेज स्थापित हो लेकिन इसके लिए जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के लिए सबसे पहले स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण 20 एकड़ जमीन की व्यवस्था सुनिश्चित करें तो इसके लिए निर्णय लिया जाएगा। हम भी चाहते हैं कि मुंगेर में और अधिक सुविधा हो और यह आगे बढ़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय योजना के तहत हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलीटेक्निक संस्थान, पारा मेडिकल संस्थान, जी.एन.एम. संस्थान और महिला आई.टी.आइ. जबकि हर सब डिवीजन में आई.टी.आइ. और ए.एन.एम. संस्थान स्थापित किये जा रहे हैं। इसके अलावा जितने मेडिकल कॉलेज हैं, उनमें नर्सिंग कॉलेज खोलने के साथ ही नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुंगेर में इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए जमीन का प्रबंध करने में काफी समय लगा इसलिए हम कहेंगे कि किसी भी संस्थान की मांग करने से पहले उसके लिए जमीन की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिये ताकि तय समय-सीमा के अनुरूप काम पूरा हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंगेर का यह वानिकी महाविद्यालय पूरे बिहार में अनोखा होगा। 
बिहार से जब झारखण्ड अलग हुआ तो वानिकी के लिए यहां कुछ भी नही था। मुंगेर की पृष्ठभूमि काफी सुंदर है। यहां का वानिकी महाविद्यालय इतना सुंदर होगा कि देश भर से लोग इसे देखने आएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरण पर जो संकट आया है, उसको ध्यान में रखते हुए हमलोग इस वर्ष बापू जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर से जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत करने वाले हैं। इसके लिए 13 जुलाई को 8 घंटे तक बिहार विधानमंडल के सेंट्रल हॉल में विमर्ष हुआ जिसमें दोनों सदन के सदस्यों द्वारा सहमति प्रकट करने के बाद जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। 
2 अक्टूबर से हर पंचायत में इस अभियान की शुरुआत कर लोगों में जागृति लायी जायेगी। उन्होंने कहा कि बिहार से जब झारखण्ड अलग हुआ तो यहां मात्र 7 प्रतिशत वन क्षेत्र और करीब 9 प्रतिशत हरित आवरण था। ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए हमलोगों ने वर्ष 2012 में हरियाली मिशन के माध्यम से काम शुरू कर दूसरे कृषि रोड मैप में 15 प्रतिशत और उसके बाद तीसरे कृषि रोड मैप में 17 प्रतिशत तक हरित आवरण बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया। इसके लिए 24 करोड़ पेड़ लगाए जाने थे जिनमे से 19 करोड़ पेड़ लगाए जा चुके हैं। इस वर्ष एक साल के अंदर वन एवं पर्यावरण विभाग ने डेढ़ करोड़ पौधे लगवाये हैं। इसके लिए में उन्हें बधाई देता हूँ। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण बिहार की कौन कहे इस बार तो उत्तरी बिहार के मिथिला इलाके में भी भू-जलस्तर काफी नीचे चला गया था जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि जल और हरियाली के बीच ही जीवन है। यह बात हर किसी को अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिए। पूरे बिहार में आहर-पईन, तालाब, चापाकल और सार्वजनिक कुओं का सर्वे कराया जा रहा है ताकि उन्हें अतिक्रमणमुक्त कर उनका जीर्णोद्धार किया जा सके। वर्ष 2020 तक हर घर नल का जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित है और इस दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नल का जल पीने के लिए है इसलिए अन्य कामों में इसका दुरुपयोग न करें। भू-जलस्तर कायम रखने के लिए चापाकल, कुओं और नलकूपों के पास सोख्ता का निर्माण किया जाएगा। रूफ टॉप पर जल संचयन, सघन वृक्षारोपण, चेक डैम का निर्माण, नए जलस्रोतों का सृजन जैसे 9 से 10 योजनाओं पर काम चल रहा है जो 2 अक्टूबर से लागू होगा।
बदलते मौसम को देखते हुए मुख्यमंत्री ने किसानों से फसल चक्र भी बदलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि फसल चक्र के विषय में हमें अब सोचना होगा। मौसम को देखते हुए किस इलाके में कौन सा फसल चक्र बेहतर होगा, इसका अध्ययन कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन दिनों गंगा नदी का जल स्तर बढ़ गया है जिसका हमने दो-दो बार एरियल सर्वे भी किया है। प्रभावित लोगों को हर सम्भव मदद दी जा रही है। हर हालात में हमलोग हमेशा मदद करते रहे हैं और आगे भी करेंगे।
समारोह में शामिल लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी अपने बच्चों को अधिक से अधिक पढ़ायें। इंटरमीडिएट से आगे की पढ़ाई करने के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 4 लाख रुपये षिक्षा ऋण देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है ताकि गरीब परिवार के बच्चे भी उच्च शिक्षा हासिल कर सकें। नौकरी नहीं मिलने की सूरत में ऋण वापस करने के लिए विद्यार्थियों को बाध्य नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वानिकी महाविद्य
Advertisement
Next Article