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नगर निगम की बड़ी कार्रवाई, हल्द्वानी में 18 बीघा जमीन अतिक्रमण मुक्त

पुरानी कत्था फैक्ट्री के पास 18 बीघा जमीन अतिक्रमण मुक्त

02:07 AM Apr 25, 2025 IST | IANS

पुरानी कत्था फैक्ट्री के पास 18 बीघा जमीन अतिक्रमण मुक्त

हल्द्वानी में नगर निगम और जिला प्रशासन ने 18 बीघा सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया। जेसीबी मशीनों की मदद से अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया। नगर आयुक्त ऋचा सिंह और एसडीएम राहुल शाह की निगरानी में यह अभियान चला। अब इस जमीन का उपयोग नगर विकास कार्यों के लिए किया जाएगा।

नगर निगम और जिला प्रशासन ने हल्द्वानी में एक बड़े अभियान के तहत बरेली रोड पर पुरानी कत्था फैक्ट्री के पास स्थित 18 बीघा से अधिक सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा लिया। इस कार्रवाई में अवैध कब्जों को हटाने के साथ-साथ वहां मौजूद पुराने और अनधिकृत निर्माणों को जेसीबी मशीनों की मदद से ध्वस्त कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान उपजिलाधिकारी (एसडीएम) राहुल शाह, नगर आयुक्त ऋचा सिंह, तहसीलदार मनीषा बिष्ट, सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट सहित नगर निगम के कर्मचारी और भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा।अभियान की शुरुआत सुबह के समय हुई, जब प्रशासनिक अधिकारियों ने क्षेत्र का दौरा कर अतिक्रमण की स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद जेसीबी मशीनों के जरिए अवैध निर्माणों को ढहाने का काम शुरू किया गया। इस दौरान आसपास के लोगों में कार्रवाई को लेकर चर्चा का माहौल रहा।

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नगर आयुक्त ऋचा सिंह ने बताया कि लंबे समय से इस जमीन पर अतिक्रमण की शिकायतें मिल रही थीं। उन्होंने कहा, “हमें स्थानीय लोगों और अन्य स्रोतों से सूचना मिली थी कि 18 बीघा से अधिक सरकारी जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। हमने इसकी जांच की और पाया कि यह नगर निगम की संपत्ति है। आज की कार्रवाई में हमने जमीन को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कर लिया है। अब इसकी पैमाइश का काम चल रहा है, जिसके बाद इसका उपयोग नगर विकास कार्यों के लिए किया जाएगा।”

एसडीएम राहुल शाह ने भी कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा, “अतिक्रमण की सूचना मिलने के बाद हमने मौके पर जाकर स्थिति का निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि यह सरकारी जमीन है, जिस पर अवैध कब्जा किया गया था। नगर निगम के सहयोग से हमने जमीन को वापस अपने कब्जे में ले लिया है। भविष्य में ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी, ताकि सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग न हो।”

इस कार्रवाई के बाद नगर निगम ने जमीन पर अपना बोर्ड लगाकर यह स्पष्ट कर दिया कि यह अब उनकी संपत्ति है। अधिकारियों ने बताया कि इस जमीन का उपयोग भविष्य में सार्वजनिक हित में विकास कार्यों, जैसे पार्क, सामुदायिक केंद्र या अन्य बुनियादी ढांचे के लिए किया जा सकता है। हालांकि, अभी इसकी पैमाइश और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी और सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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