Muse Software Cyber Attack: इस साइबर अटैक से हिले दुनिया के कई एयरपोर्ट्स, सबसे अधिक प्रभावित हुआ यूरोप, चला गया कई साल पीछे!
Muse Software Cyber Attack: दुनियाभर में शनिवार को कई प्रमुख एयरपोर्ट्स को एक बड़े साइबर हमले का सामना करना पड़ा। इस हमले की वजह से ऑटोमैटिक सिस्टम अचानक काम करना बंद कर दिया, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा और कुछ उड़ानों में काफी देरी हुई।
Muse Software Cyber Attack: यूरोप के बड़े एयरपोर्ट्स हुए प्रभावित
इस साइबर हमले का सबसे ज्यादा असर हीथ्रो (लंदन), बर्लिन (जर्मनी) और ब्रुसेल्स (बेल्जियम) जैसे बड़े यूरोपीय एयरपोर्ट्स पर देखने को मिला। इन जगहों पर चेक-इन सिस्टम पूरी तरह से बंद हो गया था, जिससे एयरपोर्ट कर्मचारियों को मैनुअल तरीके से चेक-इन और बोर्डिंग की प्रक्रिया करनी पड़ी। ये वही तरीका है जो कई साल पहले इस्तेमाल होता था, जब टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस नहीं थी।
Cyber Attack Europe News: Muse सॉफ्टवेयर पर साइबर अटैक
इस हमले की जड़ में Muse नामक एक सॉफ्टवेयर है, जिस पर हैकर्स ने हमला किया। Muse एक ऐसा सिस्टम है जो एयरलाइंस को चेक-इन और बोर्डिंग के काम में मदद करता है। जब यह सिस्टम काम करना बंद करता है, तो एयरपोर्ट पर सारा प्रोसेस रुक जाता है।
Muse software Attack Impact: Muse सॉफ्टवेयर क्या करता है?
Muse सॉफ्टवेयर एक पैसेंजर प्रोसेसिंग सिस्टम है, जिसे Collins Aerospace नामक कंपनी बनाती है। यह कंपनी RTX की सहायक इकाई है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से अलग-अलग एयरलाइंस कंपनियां एक ही गेट और सिस्टम के ज़रिए यात्रियों का चेक-इन और बोर्डिंग कर सकती हैं। इससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि अतिरिक्त स्टाफ की भी जरूरत नहीं पड़ती।
मैनुअल प्रोसेस से बढ़ी मुश्किलें
जब Muse सिस्टम बंद हो गया, तो एयरपोर्ट्स पर कर्मचारियों की कमी साफ देखने को मिली। अचानक मैनुअल प्रोसेस शुरू करना पड़ा, लेकिन इसके लिए पर्याप्त ट्रेनिंग और स्टाफ नहीं था। इससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया और यात्रियों को लंबी लाइनों में इंतजार करना पड़ा।
कंपनियों की प्रतिक्रिया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, RTX कंपनी ने यह माना कि Muse सॉफ्टवेयर साइबर हमले से प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि समस्या की पहचान कर ली गई है और उसे ठीक भी कर लिया गया है। हालांकि, इसका असर कई घंटों तक देखने को मिला, जिससे एयरपोर्ट संचालन काफी प्रभावित हुआ। इस पूरे घटनाक्रम में यात्रियों को सबसे ज़्यादा परेशानी हुई। कई लोग अपनी फ्लाइट मिस कर बैठे, कुछ की यात्रा योजनाएं बिगड़ गईं और कई को घंटों एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ा।
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