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‘मिशन मंगल’ के लिए मस्क के Starship का दूसरा परीक्षण होगा जल्द, इस बार रॉकेट में हुए बड़े बदलाव

11:39 AM Oct 07, 2023 IST | Rakesh Kumar

अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (Spacex) जल्द ही अपने दूसरे स्टारशिप रॉकेट (Starship Rocket) का परीक्षण करेगी। इससे पहले इसी साल 20 अप्रैल को स्पेसएक्स ने अपने पहले स्टारशिप रॉकेट के परीक्षण का प्रयास किया था, लेकिन ये सफल नहीं हो पाया था। परीक्षण के थोड़ी देर बाद स्टारशिप में ब्लास्ट हो गया था। जानकारी के मुताबिक, एलन मस्क इस महीने दूसरी बार स्टारशिप रॉकेट का परीक्षण कर सकते हैं। हालांकि, मस्क ने स्टारशिप की दूसरे परीक्षण के तारीखों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। बता दें कि 33 इंजन वाला दूसरा स्टारशिप करीब 400 फीट लंबा होगा। मस्क को उम्मीद है कि इंसान अगले तीन साल से भी कम समय में मंगल ग्रह पर उतर सकेगा।

स्टारशिप के डिजाइन में बदलाव

कहा जा रहा है कि दूसरे परीक्षण के लिए स्टारशिप के डिजाइन में बदलाव किया गया है। इससे पहले 20 अप्रैल को टेक्सास में स्पेसएक्स की स्टारबेस से स्टारशिप को लॉन्च का प्रयास किया गया था। उड़ान के चार मिनट बाद ही अंतरिक्ष यान में विस्फोट हो गया था। मस्क ने गुरुवार को इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन के वार्षिक सम्मेलन में एक लाइवस्ट्रीम इंटरव्यू के दौरान कहा कि इस बार स्टारशिप सही रहता है, कोई गड़बड़ी नहीं होती है, तो हमारे पास ऑर्बिट में पहुंचने का अच्छा मौका है।

स्टारशिप 3 अरब डॉलर का रॉकेट
जानकारी के मुताबिक, प्रत्येक लॉन्च पर SpaceX की लागत लगभग $40 मिलियन है। स्टारशिप 3 अरब डॉलर का रॉकेट है जिसका लक्ष्य 2025 के आसपास चंद्रमा पर उड़ान भरना और मनुष्यों को मंगल ग्रह तक पहुंचाना है। मस्क ने पहले कहा था कि उनका भावी मंगल मिशन 2030 के दशक में होगा। हालांकि, इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय वायुसेना से वर्चुअली बात करते हुए मस्क ने सुझाव दिया था कि रॉकेट केवल तीन से चार वर्षों में लाल ग्रह यानी मंगल पर उतर सकता है।

चंद्रमा और मंगल तक 100 लोगों को ले जाने के लिए किया गया डिज़ाइन

बताया जा रहा है कि स्टारशिप को पृथ्वी से चंद्रमा और मंगल तक 100 लोगों को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मंगल ग्रह की यात्रा लगभग सात महीने लंबी है, जिसका अर्थ है कि मंगल तक ले जाने वाले रॉकेट पर चालक दल के सदस्यों के लिए रहने की जगह होगी। हालांकि, स्पेसएक्स इंटीरियर डिजाइन शुरू करने से पहले सबसे पहले स्टारशिप को ऑर्बिट में स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। रॉकेट को शुरुआत से ही मंगल और चंद्रमा पर 100 टन से अधिक माल ले जाने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया था। ऐसा इसलिए है ताकि यह ऑफ-प्लेनेट बेस कैंप बनाने के लिए आवश्यक सभी चीज़ों को स्टोर कर सके।

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