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'मुसलमानों को सौगात नहीं सम्मान चाहिए', PM Modi के ईद के तोहफे पर बोले अबू आजमी

ईद के मौके पर PM मोदी के तोहफे पर अबू आजमी ने उठाए सवाल

06:39 AM Mar 27, 2025 IST | Neha Singh

ईद के मौके पर PM मोदी के तोहफे पर अबू आजमी ने उठाए सवाल

 मुसलमानों को सौगात नहीं सम्मान चाहिए   pm modi के ईद के तोहफे पर बोले अबू आजमी

रमजान के मौके पर पीएम मोदी ने 32 लाख मुसलमानों को राशन और कपड़ों की सौगात भेजी, लेकिन समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने इसे नकारते हुए मुसलमानों के संवैधानिक अधिकार और सम्मान की मांग की है। उन्होंने कहा कि तोहफों का महत्व नहीं है जब तक मुसलमानों को उनके हक नहीं मिलते।

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रमजान का पावन महीना चल रहा है। रमजान के आखिर में ईद का त्योहार मनाया जाएगा। इस ईद पर प्रधानमंत्री मोदी ने मुसलमान भाई-बहनों को खास तोहफा दिया है। दरअसल, पीएम मोदी ने 32 लाख मुसलमानों को ‘सौगात ए मोदी’ भिजवाया है। इस किट में ईद के लिए कुछ जरूरी राशन और कपड़े हैं। अब इसको लेकर समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि वे ऐसा न करें, बल्कि इसकी जगह मुसलमानों को सम्मान दें।

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मुसलमानों को सम्मान चाहिए- अबू आजमी

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अबू आजमी ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से दी जाने वाली सौगातों का कोई महत्व नहीं है, जब तक मुसलमानों को उनके संवैधानिक अधिकार नहीं दिए जाते। उन्होंने कहा कि मुझे हंसी आ रही है कि सौगात ए मोदी दिया जा रहा है, लेकिन मुसलमानों का हक छीना जा रहा है। अबू आजमी ने कहा कि आज देश में मुसलमानों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। मस्जिदों में घुसकर मुसलमानों को मारा जा रहा है, हर मस्जिद के नीचे मंदिर नजर आ रहा है, गाय के नाम पर मुसलमानों को मारा जा रहा है।

उन्होंने नागपुर की घटना पर कहा कि वहां एक मुसलमान को बेवजह मार दिया गया। सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “हर जगह मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। मैं कहूंगा कि तोहफे मत दो, रख लो, नौकरी भी मत दो, लेकिन मुसलमानों को इज्जत और सम्मान दो। उनके अधिकार नहीं छीने जाने चाहिए।”

मुसलमानों की सुरक्षा पर बोले अबू आजमी

अबू आजमी ने कहा कि मुसलमानों को वही अधिकार मिलने चाहिए जो बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान में दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “भले ही होली साल में एक बार आती हो और जुम्मा 52 बार आता हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मुसलमान जुम्मा के दिन घर से बाहर न निकलें।

यह कैसी सुरक्षा है? जो लोग कहते हैं कि तिरपाल की टोपी बनाओ, मस्जिदों को तिरपाल से ढंकना है, क्या यही इज्जत है?” उन्होंने अंत में कहा कि अगर कोई सबसे ज्यादा परेशान और निशाने पर है तो वो मुसलमान हैं। सरकार को तोहफे देने के बजाय मुसलमानों को संविधान के मुताबिक बराबरी का दर्जा और अधिकार सुनिश्चित करना चाहिए।

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Neha Singh

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