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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में कोर्ट ने 14 जनवरी तक टाला फैसला

अदालत ने 20 मार्च, 2018 को नाबालिगों से बलात्कार और यौन उत्पीड़न की साजिश रचने के अपराध में ब्रजेश ठाकुर समेत आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे।

08:24 AM Dec 12, 2019 IST | Desk Team

अदालत ने 20 मार्च, 2018 को नाबालिगों से बलात्कार और यौन उत्पीड़न की साजिश रचने के अपराध में ब्रजेश ठाकुर समेत आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे।

दिल्ली की एक अदालत ने बिहार के मुजफ्फरपुर में एक आश्रय गृह में कई लड़कियों से कथित यौन एवं शारीरिक उत्पीड़न के मामले में गुरुवार को फैसला करीब एक महीने के लिए टाल दिया। यह आश्रय गृह बिहार पीपुल्स पार्टी के पूर्व विधायक ब्रजेश ठाकुर चलाते थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुदेश कुमार ने फैसला 14 जनवरी तक टाल दिया क्योंकि मामले में सुनवाई करने वाले न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ गुरुवार को छुट्टी पर थे। 
इससे पहले भी अदालत ने अपना आदेश 12 दिसंबर तक टाल दिया था क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में सभी छह जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल के कारण तिहाड़ जेल में बंद 20 आरोपियों को अदालत परिसर में नहीं लाया जा सका था। अदालत ने 20 मार्च, 2018 को नाबालिगों से बलात्कार और यौन उत्पीड़न की साजिश रचने के अपराध में ब्रजेश ठाकुर समेत आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। 

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यह मामला उस वक्त सामने आया था जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) ने 26 मई, 2018 को बिहार सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों से कथित यौन उत्पीड़न की घटनाओं का जिक्र किया गया था। 
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