म्यांमार में फिर हिली धरती, राजधानी नेप्यीडॉ में सुबह-सुबह दहशत, आया 3.5 तीव्रता का भूकंप
Myanmar Earthquake: म्यांमार की राजधानी नेप्यीडॉ और उसके आसपास के इलाकों में रविवार तड़के हल्के झटके महसूस किए गए। अचानक आई इस हलचल से लोग डर गए, क्योंकि इसी साल आए एक भीषण भूकंप में देश में 3500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार भारत के समयानुसार 16 नवंबर सुबह 02:40 बजे भूकंप आया। इसकी तीव्रता 3.5 मापी गई, जबकि इसकी गहराई केवल 10 किलोमीटर थी।
एक्सपर्ट इसे ‘शैलो क्वेक’ यानी सतही भूकंप कहते हैं। ऐसे भूकंप जमीन के बेहद नजदीक ऊर्जा छोड़ते हैं, जिससे अचानक तेज झटके महसूस होते हैं और नुकसान की आशंका ज्यादा रहती है। NCS ने इस भूकंप की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की। रिपोर्टों में बताया गया है कि सतही भूकंप इमारतों में तेज हिलावट पैदा करते हैं और संरचनाओं को अधिक क्षति पहुंचा सकते हैं।

Myanmar Earthquake: दो दिन में दूसरा भूकंप
इससे पहले 14 नवंबर को म्यांमार में 3.9 तीव्रता का एक और भूकंप दर्ज किया गया था। यह लगभग 35 किलोमीटर गहरे केंद्र से आया था। उस समय भी NCS ने सोशल मीडिया पर इसकी सूचना दी थी। दो दिनों में आए इन दोनों भूकंपों ने स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि लगातार हलचल बड़ी भूकंपीय सक्रियता का संकेत मानी जाती है।

Myanmar Earthquake News: क्यों ज्यादा जोखिम में है म्यांमार?
म्यांमार दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां भूकंप आने की संभावना लगातार बनी रहती है। इसकी वजह है इसका भूगोल। देश चार प्रमुख टेक्टॉनिक प्लेटों: भारतीय प्लेट, यूरेशियन प्लेट, सुंडा प्लेट और बर्मा प्लेट के बीच स्थित है। इन प्लेटों की टक्कर और खिसकने की प्रक्रिया अक्सर धरती को झकझोर देती है। साथ ही, देश का लंबा समुद्री तट इसे सुनामी जैसे खतरों के प्रति भी संवेदनशील बनाता है। इस कारण सरकार और वैज्ञानिक लगातार सतर्क रहते हैं।
सागाइंग फॉल्ट: सबसे बड़ा खतरा
भूगर्भ एक्सपर्ट बताते हैं कि म्यांमार के भीतर से लगभग 1,400 किलोमीटर लंबी एक ट्रांसफॉर्म फॉल्ट लाइन गुजरती है, जिसे सागाइंग फॉल्ट कहा जाता है। यही फॉल्ट देश को सबसे ज्यादा भूकंपीय जोखिम में रखता है। इसके प्रभाव वाले क्षेत्रों में शामिल हैं:
- सागाइंग
- मंडाले
- बागो
- यांगून
इन इलाकों में देश की लगभग 46% आबादी रहती है, इसलिए यहां भूकंप का असर हमेशा गंभीर हो सकता है।
पिछले भूकंपों की भयानक यादें
मार्च 2025 में आए एक शक्तिशाली भूकंप में लगभग 3500 लोगों की मौत हुई थी। यह घटना आज भी लोगों की यादों में ताजा है। इसके अलावा, 1903 में बागो में 7.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके झटके यांगून तक महसूस किए गए थे। आज भी यह हादसा इस बात की चेतावनी माना जाता है कि यह क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील है।
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