Nagvasuki Temple History: समुद्र मंथन से जुड़ा है Prayagraj के नागवासुकी मंदिर का रहस्य
Nagvasuki Temple History: प्रयागराज का नागवासुकी मंदिर प्रचीन मंदिरों में से एक है…
प्रयागराज के दारागंज स्थित नागवासुकी मंदिर प्रचीन मंदिरों में से एक है
माना जाता है कि समुद्र मंथन के बाद नागराज वासुकी घायल हो गए थे इसलिए भगवान विष्णु ने उन्हें प्रयागराज जाने को कहा था
इसके बाद नाग वासुकी प्रयागराज के दारागंज में उत्तरी-पूर्वी छोर पर रहने लगे और इसी जगह पर नागवासुकी मंदिर बना दिया गया
माना जाता है कि यहां पर दर्शन करने से कालसर्प दोष दूर होता है
कुंभ, अर्धकुंभ, माघ मेला, नागपंचमी और सावन के महीने यहां श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है
कहा ये भी जाता है कि मुगल सम्राट औरंगज़ेब ने अपने शासनकाल में इस मंदिर पर आक्रमण किया था
लेकिन मंदिर पर आक्रमण के दौरान औरंगज़ेब की तलवार नहीं चली और वह बेहोश हो गया था
कहा जाता है कि नागवासुकी मंदिर के दर्शन के बगैर प्रयागराज की परिक्रमा पूरी नहीं मानी जाती
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Punjab Kesari इसकी पुष्टि नहीं करता है