National Anemia Day: Anemia की कमी दूर करने के लिए खान-पान में करें ये बदलाव
आयरन की कमी को पूरा करने के लिए अपनाएं ये आसान उपाय
हर साल 21 मार्च को ‘नेशनल एनीमिया डे’ मनाया जाता है। इस दिन लोगों को एनीमिया के बारे में जागरूक किया जाता है, इसके लक्षणों के बारे में बताया जाता है, ताकि इससे संबंधित किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर सतर्कता बरती जा सके और इसे दूर किया जा सके। एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है, जिसे आमतौर पर शरीर में खून की कमी के तौर पर परिभाषित भी कर दिया जाता है। फोर्टिस अस्पताल के डॉ. राहुल भार्गव ने आईएएनएस को बताया कि एनीमिया युवा महिलाओं और बच्चों में ज्यादा देखने को मिल रहा है।
भारत ने Isabgol निर्यात में रचा इतिहास, जानें इसके उपयोग
डॉ. बताते हैं कि खाने के तुरंत बाद चाय पीने से भी परहेज करना चाहिए क्योंकि इससे खाने में मौजूद आयरन का शरीर में अवशोषण कम होता है। ऐसी आदतों की वजह से भी एनीमिया की बीमारी देखने को मिलती है। उन्होंने बताया कि जब हमारे आहार में आयरन की कमी होती है, तब एनीमिया के लक्षण सामने आते हैं। इसके लिए हमारी जीवनशैली और जानकारी का अभाव भी अहम कारण है। जैसे की हमारा भोजन अब लोहे की कड़ाही में बहुत कम पकाया जाता है। इसके साथ ही महिलाओं को मासिक धर्म के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं होती है या वे इससे संबंधित स्वास्थ्य सावधानी नहीं बरत पाते हैं। यह भी तय नहीं किया जा सकता है महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान कितनी ब्लीडिंग हुई है। तो ऐसी स्थिति में उन्हें एनीमिया का सामना करना पड़ता है।
इसके साथ ही वह बताते हैं कि कुछ राज्यों में बच्चों को अधिक मात्रा में दूध पिलाया जाता है और इसको भी शरीर में आयरन की कमी होने का एक महत्वपूर्ण कारण पाया गया है। डॉक्टर बताते हैं कि एनीमिया के लक्षण देखे जाने पर मरीज में गुस्सा आना, थकान होना, चिड़चिड़ापन, सिर में दर्द होना, नींद आना, पीठ और कमर में दर्द होना, जैसे लक्षण एनीमिया जैसी बीमारी में देखने को मिलते हैं।
डॉ. बताते हैं कि आयरन की कमी की पूर्ति के लिए आयरन की गोली खाई जाती है। हालांकि 25 प्रतिशत महिलाओं को आयरन की गोली सूट नहीं करती हैं इसलिए उनको आईवी आयरन दिया जाता है। साथ ही हमें खाना बनाने के पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए। वह बताते हैं कि इसके साथ ही बच्चों में भी एनीमिया की वजह से चिड़चिड़ापन, गुस्सा आना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। ऐसी स्थिति में खाने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इससे निश्चित तौर पर सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।