नाखूनों में बदलाव हो सकता है कैंसर का संकेत, National Cancer Awareness Day 2025 पर जानें क्या कहती है वैज्ञानिकों की नई खोज
01:01 PM Nov 07, 2025 IST | Khushi Srivastava
National Cancer Awareness Day 2025: भारत में कैंसर के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। NICPR के अनुसार, देश में लगभग 25 लाख लोग वर्तमान में इस बीमारी से जूझ रहे हैं। हर साल 7 लाख से ज्यादा नए मरीजों की पहचान होती है, जबकि करीब 5.5 लाख लोग कैंसर से जुड़ी परेशानियों के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि समय पर जांच और रोकथाम कितनी जरूरी है।
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कैंसर के उपचार में आज कई नई तकनीकें और दवाएं उपलब्ध हैं, फिर भी ज्यादातर मामले तब सामने आते हैं जब बीमारी काफी बढ़ चुकी होती है। इससे इलाज कठिन हो जाता है और बचने की संभावना घट जाती है। इसलिए कैंसर की रोकथाम, जागरूकता और समय पर पहचान सबसे प्रभावी उपाय हैं।
इन्हीं उद्देश्यों से हर साल 7 नवंबर का दिन राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (National Cancer Awareness Day 2025) के रूप में मनाया जाता है, ताकि लोगों को याद दिलाया जा सके कि शुरुआती पहचान से जान बचाई जा सकती है।
National Cancer Awareness Day Significance: नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे का महत्व
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य जनता में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। कैंसर केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। यह दिन समय पर जांच की अहमियत बताता है, क्योंकि शुरुआती अवस्था में पता चलने पर इलाज के सफल होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
लोगों को अपने जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव करने — जैसे तंबाकू से दूरी, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वास्थ्य पर ध्यान — के लिए प्रेरित किया जाता है ताकि कैंसर का खतरा कम किया जा सके। कैंसर को लेकर फैली गलतफहमियों, डर और सामाजिक हिचक को दूर कर लोगों तक सही जानकारी पहुंचाना भी इसका उद्देश्य है।
National Cancer Awareness Day 2025 Theme: नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे 2025 की थीम
हर साल नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे के लिए एक विशेष थीम तय की जाती है, जिसके आधार पर देशभर में सेमिनार, कार्यक्रम और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं। National Cancer Awareness Day 2025 की थीम है — “United by Unique”।
इसका अर्थ है कि हर मरीज, हर देखभाल करने वाला और हर परिवार की कहानी अलग है — उनकी चुनौतियां और परिस्थितियां भिन्न हैं — लेकिन हम सबका लक्ष्य एक ही है: कैंसर की रोकथाम, समय पर निदान और बेहतर देखभाल। यह थीम इस बात पर बल देती है कि स्वास्थ्य नीतियां और कार्यक्रम हर व्यक्ति की विशिष्ट जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाए जाएं।
Nail Cancer Symptoms: नाखूनों से मिल सकता है कैंसर का संकेत
क्या आपको पता है कि कभी-कभी नाखूनों में दिखने वाले बदलाव कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं? कई बार लोग इन बदलावों को चोट, संक्रमण या पोषण की कमी से जोड़ देते हैं, लेकिन हालिया शोध से पता चला है कि कुछ बदलाव शरीर में गंभीर बीमारियों, यहां तक कि कैंसर का भी संकेत दे सकते हैं।
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के वैज्ञानिकों ने नाखूनों और कैंसर के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध खोजा है, जो भविष्य में शुरुआती पहचान में मददगार हो सकता है।
How to Identify Cancer from Nails: नाखूनों में बदलाव और BAP1 सिंड्रोम
वैज्ञानिकों ने पाया कि नाखूनों में दिखाई देने वाला एक खास तरह का परिवर्तन BAP1 ट्यूमर प्रीडिसपोजिशन सिंड्रोम (Tumor predisposition syndrome) नामक जेनेटिक विकार से जुड़ा हो सकता है। यह समस्या BAP1 जीन में म्यूटेशन के कारण होती है, जिससे त्वचा, आंख, किडनी, फेफड़ों या पेट की झिल्ली में ट्यूमर बनने का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन में शामिल लोगों के नाखूनों में जो बदलाव दिखे, उसे ओनिकोपैपिलोमा (Onychopapilloma) कहा गया।
ओनिकोपैपिलोमा क्या है?
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें नाखूनों पर लाल या सफेद रंग की लंबी धारियां बन जाती हैं और नाखून या उसका आधार मोटा हो जाता है। आमतौर पर यह सिर्फ एक नाखून को प्रभावित करता है, लेकिन BAP1 जीन में म्यूटेशन वाले लोगों में कई नाखूनों में एक साथ ऐसे बदलाव दिखाई दे सकते हैं।
ऐसे में डॉक्टरों सलाह देते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के कई नाखूनों में ऐसे बदलाव नजर आएं और परिवार में स्किन कैंसर या मेलानोमा का इतिहास हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर BAP1 सिंड्रोम की जांच करवानी चाहिए।
यह खोज तब हुई जब एक मरीज ने जेनेटिक जांच के दौरान अपने नाखूनों में हुए हल्के बदलावों की जानकारी दी। इससे वैज्ञानिकों को अन्य मरीजों के नाखूनों की जांच का विचार आया, जिसके बाद यह बड़ा निष्कर्ष सामने आया कि नाखूनों की जांच से BAP1 सिंड्रोम की शुरुआती पहचान संभव है।
समय रहते पहचान और इलाज संभव
नाखूनों की बायोप्सी में यह बात साफ हो गई कि यह बदलाव वास्तव में BAP1 जीन म्यूटेशन से जुड़े हैं। इससे डॉक्टरों को कैंसर के शुरुआती संकेतों को पहचानने और समय पर उपचार शुरू करने में मदद मिल सकती है। वैज्ञानिकों का लक्ष्य यह समझना है कि यह जीन परिवर्तन शरीर में कैंसर कैसे विकसित करता है और इससे रोकथाम या स्क्रीनिंग की नई तकनीकें कैसे बनाई जा सकती हैं।
National Cancer Awareness Day 2025: इन संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें
यह शोध साबित करता है कि नाखूनों में दिखने वाले छोटे बदलाव भी शरीर में चल रही गंभीर प्रक्रियाओं के संकेत हो सकते हैं। अगर आपके नाखूनों में रंग बदलना, धारियां बनना या मोटापन जैसी असामान्यताएं दिखें, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से सलाह करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट या डॉक्टर से संपर्क करें। पंजाब केसरी इसकी सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता है।
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