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राजनीतिकरण और अपराधीकरण ममता के 10 साल के शासन के दो बड़े अपराध हैं : भाजपा

पश्चिम बंगाल में तीसरे चरण के मतदान के दौरान हिंसापूर्ण घटनाओं के अगले दिन बुधवार को भाजपा ने कहा कि प्रशासन का राजनीतिकरण और राजनीति का अपराधीकरण ममता बनर्जी के 10 साल के शासन के दो बड़े अपराध हैं।

05:37 PM Apr 07, 2021 IST | Desk Team

पश्चिम बंगाल में तीसरे चरण के मतदान के दौरान हिंसापूर्ण घटनाओं के अगले दिन बुधवार को भाजपा ने कहा कि प्रशासन का राजनीतिकरण और राजनीति का अपराधीकरण ममता बनर्जी के 10 साल के शासन के दो बड़े अपराध हैं।

राजनीतिकरण और अपराधीकरण ममता के 10 साल के शासन के दो बड़े अपराध हैं   भाजपा
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पश्चिम बंगाल में तीसरे चरण के मतदान के दौरान हिंसापूर्ण घटनाओं के अगले दिन बुधवार को भाजपा ने कहा कि प्रशासन का राजनीतिकरण और राजनीति का अपराधीकरण ममता बनर्जी के 10 साल के शासन के दो बड़े अपराध हैं।
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भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष ने सिलसिलेवार ट्वीटों में कहा, तीन चरणों के चुनावों में चार अन्य चुनाव वाले राज्यों की तुलना में 100 गुना अधिक हिंसा देखी गई है। पश्चिम बंगाल के साथ-साथ असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में भी विधानसभा चुनाव हुए, जबकि सभी चार राज्यों में मतदान समाप्त हो चुका है, पश्चिम बंगाल में मतदान के पांच चरण अभी भी बाकी हैं।
उन्होंने कहा, सामान्य मतदाताओं, तटस्थ चुनाव आयोग, सतर्क केंद्रीय सुरक्षा बलों के लिए नहीं तो यह चुनाव एक अन्य पंचायत चुनाव की तरह होगा, जहां 20 हजार से अधिक टीएमसी कार्यकर्ता निर्विरोध चुने गए, केवल 34 फीसदी मतदान हुआ।
संतोष ने एक अन्य ट्वीट में दावा किया कि पश्चिम बंगाल भाजपा के 2000 से अधिक कार्यकर्ताओं ने चुनाव लड़ने और जीतने की हिम्मत की और महीनों तक पड़ोसी राज्यों में शरण ली। यहां तक कि इस चुनाव में एक दर्जन से अधिक भाजपा कार्यकर्ता मारे गए हैं, पश्चिम बंगाल में भाजपा के 14 उम्मीदवारों पर हमला किया गया है।
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उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में तीन चुनावी दिनों में 1,000 से अधिक हिंसक घटनाएं हुईं, 100 से अधिक बूथों में स्थानीय पुलिस और प्रशासन के असहयोग के बीच सुचारु मतदान सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय पुलिस को आगे आना पड़ा। उन्होंने कहा, डेरेक ओ’ब्रायन, यशवंत सिन्हा या जया बच्चन, इनमें से कोई भी आपको नहीं बताएंगे।
ये लोकतंत्र को बचाने की जल्दी में हैं और जो देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उनके बारे में नहीं बताएंगे। हर गांव और मुहल्ले में मतदाता शांतिपूर्ण और भयमुक्त चुनाव चाहते हैं। वे इसके लिए जीन जान से लड़ रहे हैं।
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