National Handloom Day 2025: 'समृद्धि और शिल्प कौशल का प्रतीक', अमित शाह ने स्वदेशी को बढ़ावा देने का लिया संकल्प
National Handloom Day 2025: राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर केंद्रीय मंत्रियों ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल के माध्यम से देश के बुनकरों को शुभकामनाएं दीं और हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने का संकल्प व्यक्त किया। मंत्रियों ने भारतीय हथकरघा की सांस्कृतिक और आर्थिक महत्ता की सराहना करते हुए स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का आह्वान किया।
National Handloom Day 2025: अमित शाह ने बुनकरों को दी शुभकामनाएं
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत की हथकरघा परंपरा सांस्कृतिक समृद्धि और शिल्प कौशल का प्रतीक है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हथकरघा क्षेत्र में किए गए प्रयासों, जैसे सूत सब्सिडी, बुनकर मुद्रा योजना, टेक्सटाइल पार्क, उत्पाद प्रमाणन और विपणन सहायता से जोड़ने की पहल को रेखांकित किया। इन कदमों ने उद्योग को नई ऊर्जा दी और विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाया।
National Handloom Day 2025: आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हो रहा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा, "भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थानों के विस्तार और विश्वकर्मा योजना के तहत कौशल विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि ये प्रयास बुनकरों को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं, जिससे आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हो रहा है।"
National Handloom Day 2025: हथकरघा भारतीय संस्कृति की अनमोल विरासत
National Handloom Day 2025: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हथकरघा को भारतीय संस्कृति की अनमोल विरासत बताया और बुनकरों को बधाई दी। उन्होंने 'वोकल फॉर लोकल' के मंत्र को अपनाने और हथकरघा उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। तो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुनकरों की कालातीत कला और शिल्प कौशल की सराहना की। उन्होंने कहा कि हथकरघा न केवल कपड़ा बुनता है, बल्कि परंपरा और गौरव की कहानियां भी गढ़ता है।
National Handloom Day 2025: 'नए भारत' की विकास यात्रा का हिस्सा
वहीं, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने हथकरघा को 'नए भारत' की विकास यात्रा का हिस्सा बताया और बुनकरों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने स्वदेशी को बढ़ावा देने और 'लोकल फॉर वोकल' के मंत्र को आत्मसात करने की अपील की। केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने बुनकरों की कला को भारत की सांस्कृतिक विरासत और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि बुनकरों का कौशल देश के स्वाभिमान को मजबूत करता है।
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