National Unity Day 2025: लौह पुरुष सरदार पटेल की 150वीं जयंती आज, PM Modi ने 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' पर किया नमन, देश को दिलाई एकता की शपथ
PM Modi Tribute: पीएम मोदी ने अर्पित की पुष्पांजलि

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शुक्रवार की सुबह ही गुजरात के केवडिया पहुंचे, जहां उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) पर पुष्पांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने इस खास अवसर पर देश की अखंडता और विविधता के प्रतीक Rashtriya Ekta Diwas 2025 परेड का नेतृत्व भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल जनसेवा के लिए पूर्ण रूप से समर्पित थे। उन्होंने भारत में एकता और अखंडता का सूत्र बनकर एक स्वतंत्र भारत की नींव रखी।
National Unity Day 2025: सरदार पटेल का ऐतिहासिक सफर

सरदार वल्लभभाई पटेल न केवल स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी थे, बल्कि वे आज़ाद भारत के निर्माता, कुशल प्रशासक और सच्चे राष्ट्रनायक भी थे। अपनी दूरदर्शिता से उन्होंने विभाजित भारत को एकता के धागे में बांध दिया। 31 अक्टूबर वर्ष 1875 को गुजरात के नडियाद में एक साधारण किसान परिवार में जन्मे पटेल अपने माता-पिता की चौथी संतान थे। 16 वर्ष की उम्र में उनका विवाह हुआ और 33 वर्ष की आयु में वे पत्नीविहीन हो गए। कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने लंदन जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई पूरी की और लौटकर अहमदाबाद में वकालत प्रारंभ की। उनकी ईमानदारी और न्याय के प्रति निष्ठा ने उन्हें जनता के बीच “पटेल साहब” के रूप में प्रतिष्ठित किया।
महात्मा गांधी की विचारधारा से प्रेरित होकर सरदार पटेल ने अपनी वकालत का कार्य त्याग दिया और स्वतंत्रता संघर्ष में शामिल हो गए। 1918 के खेड़ा सत्याग्रह में उनका नेतृत्व पहली बार पूरे देश में चर्चित हुआ। उस समय सूखे से जूझ रहे किसानों पर ब्रिटिश शासन ने कर माफी से इंकार कर दिया था। पटेल ने किसानों के पक्ष में दृढ़ता से आंदोलन किया और ब्रिटिश सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया। यही क्षण था जब वे एक सशक्त जननेता के रूप में उभरे।
Vallabhbhai Patel को कैसे मिली 'सरदार' की उपाधि

ऐसे बने “भारत के लौह पुरुष”


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