Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा से 845 करोड़ का नुकसान, राहत और बचाव कार्य जारी

01:39 AM Sep 13, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा ने जिले की अर्थव्यवस्था और विकास कार्यों को गहरा आघात पहुंचाया है। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि आपदा से अब तक करीब 845 करोड़ रुपये का भारी नुकसान दर्ज किया गया है। इस आपदा ने सड़कों, पुलों, सिंचाई नहरों, पेयजल योजनाओं और ग्रामीण ढांचागत विकास कार्यों को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई गांवों में मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि कृषि भूमि और बागवानी क्षेत्र बह गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका पर गंभीर संकट मंडरा रहा है।

पुनर्निर्माण कार्य जारी

जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि आपदा प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी और पुनर्निर्माण कार्य युद्धस्तर पर शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “हमने जिले के लिए 845 करोड़ रुपये की राहत राशि आवंटित की है। यह आंकड़ा अंतिम नहीं है, क्योंकि नुकसान का आकलन अभी भी जारी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राहत और पुनर्वास के लिए केंद्र और राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है ताकि प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल की जा सके। उत्तरकाशी में 845 करोड़ रुपये का नुकसान न केवल प्राकृतिक आपदा की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक संकट की ओर इशारा करता है।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज

पहाड़ी क्षेत्रों में बार-बार आने वाली ऐसी आपदाएं स्थानीय लोगों के लिए चुनौती बन रही हैं। अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस नुकसान की भरपाई और प्रभावित लोगों के पुनर्वास की है। वहीं, चमोली जिले में भी आपदा ने कहर बरपाया है। चमोली के जिला पूर्ति अधिकारी अंकित पांडे ने बताया कि थराली के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं। विभाग ने पर्याप्त मात्रा में राशन और करीब 2,000 रिफ्रेशमेंट किट प्रभावित लोगों तक पहुंचाए हैं।

बाढ़ के कारण यातायात प्रभावित

उन्होंने कहा, कई क्षेत्रों में सड़कें टूटने के कारण आवागमन ठप्प है। ऐसे स्थानों पर तहसील प्रशासन के माध्यम से राशन किट भेजी गई है। इसके अलावा, हेलीकॉप्टर के जरिए भी राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। अंकित पांडे ने आगे बताया कि मई और जून में जून से अगस्त तक का राशन वितरित किया गया था। वर्तमान में थराली में बाढ़ के कारण कुछ क्षेत्र सड़क संपर्क से कटे हुए हैं। जहां सड़कें खुली हैं, वहां सितंबर का राशन पहुंचा दिया गया है, लेकिन अवरुद्ध सड़कों वाले क्षेत्रों में अभी राशन पहुंचाने में चुनौतियां बनी हुई हैं। प्रशासन इन क्षेत्रों तक जल्द से जल्द राहत सामग्री पहुंचाने के लिए प्रयासरत है।

Advertisement
Advertisement
Next Article