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नवीन पटनायक और वाईएस जगनमोहन रेड्डी 9 नवंबर को करेंगे मुलाकात

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के उनके समकक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी मंगलवार को यहां बैठक करेंगे और दोनों राज्यों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

01:38 AM Nov 08, 2021 IST | Shera Rajput

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के उनके समकक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी मंगलवार को यहां बैठक करेंगे और दोनों राज्यों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

नवीन पटनायक और वाईएस जगनमोहन रेड्डी 9 नवंबर को करेंगे मुलाकात
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के उनके समकक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी मंगलवार को यहां बैठक करेंगे और दोनों राज्यों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक मंगलवार को यहां शाम पांच बजे लोक सेवा भवन में होगी और इस दौरान कोरापुट जिले में कोटिया के गांवों, वामसधारा नदी पर बैराज बनाने और गोदावरी नदी पर पोलावरम बहुद्देश्यीय परियोजना पर चर्चा होने की उम्मीद है।
ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच विवाद पर दोनों मुख्यमंत्री करेंगे चर्चा 
उन्होंने बताया कि कोटिया के 28 गांवों में से 16 गांवों को लेकर ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच विवाद है और इस दौरान दोनों मुख्यमंत्री इसके समाधान पर चर्चा करेंगे। हालांकि, कोटिया का मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन हैं। दोनों राज्यों ने इस मामले पर उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और अदालत ने वर्ष 2006 में यथा स्थिति बनाने का निर्देश दिया।
अधिकारियों ने बताया कि हालांकि, आंध्र प्रदेश सरकार ने इस साल फरवरी में तीन गांवों में नाम बदलकर पंचायत चुनाव कराया था।
गौरतलब है कि हाल में उस समय दोनों राज्यों में तनाव बढ़ गया था जब ओडिशा की सीमा से लगे विजयनगरम के गांवों में आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को प्रवेश करने से रोका गया था। ओडिशा पुलिस ने आंध्र प्रदेश से लोगों की आवाजाही रोकने के लिए इन गांवों के आसपास अवरोधक भी लगा दिए थे।
वामसधारा नदी पर नेरादी बैराज बनाने पर भी चर्चा होने की उम्मीद
अधिकारियों ने बताया कि वामसधारा नदी पर नेरादी बैराज बनाने पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि इस साल जून में वामसधारा जल विवाद प्राधिकरण ने आंध्र प्रदेश के पक्ष में फैसला दिया और नेरादी बैराज का काम जारी रखने की अनुमति दी। इस बैराज की वजह से ओडिशा के रायगढ़ा और गजपति जिलों की करीब 106 एकड़ जमीन के जलमग्न होने की आशंका है।
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