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नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाबी लोकगायक व साहित्यकारों ने जसदेव यमला के निधन पर किया दुख व्यक्त

दुनिया भर में अपनी तुंबी की तान और मधुर आवाज के दम पर लोहा मनवाने वाले उस्ताद लालचंद यमला जॅट के होनहार पुत्र जसदेव यमला का

06:22 PM Sep 16, 2018 IST | Desk Team

दुनिया भर में अपनी तुंबी की तान और मधुर आवाज के दम पर लोहा मनवाने वाले उस्ताद लालचंद यमला जॅट के होनहार पुत्र जसदेव यमला का

लुधियाना : दुनिया भर में अपनी तुंबी की तान और मधुर आवाज के दम पर लोहा मनवाने वाले उस्ताद लालचंद यमला जॅट के होनहार पुत्र जसदेव यमला का आज सुबह-सवेरे 3 बजे के करीब लुधियाना में देहांत हो गया।

बताया जा रहा र्है कि स्वस्थ खराब होने के बाद परिवार द्वारा उनको लुधियाना के गुरू तेग बहादुर अस्पताल ले जाया गया जहां हालत अधिकार गंभीर होने के कारण लुधियाना के सीएमसी अस्पताल में रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई। उनका अंतिम संस्कार बाद दोपहर लोकगायकों, समाजसेवकों, सियासी आकाओं के साथ नजदीकी रिश्तेदारों की मोजूदगी में किया गया।

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पंजाब के सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने लोक गायकी के बाबा बोहड़ लाल चंद यमला जाट के सुपुत्र और रेडियो टी.वी. के लोक गायक श्री जसदेव यमला के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए उनके परिवार के साथ गहरी संवेदना प्रकट की है। स. सिद्धू ने कहा कि जसदेव यमला के निधन से पंजाबी गायकी का आंगन सूना हो गया है। स. सिद्धू ने कहा कि साफ़-सुथरी लोक गायकी को समर्पित इस परिवार की देन भुलायी नहीं जा सकती। उन्होंने दिवंगत आत्मा की आत्मिक शांति के लिए अरदास करते हुए पीछे रहे परिवार को ईश्वरीय आदेश मानने की अरदास भी की।

पंजाब कला परिषद् के चेयरमैन डा. सुरजीत पातर और सचिव जनरल डा. लखविन्दर जौहल ने अपने शौक संदेश में कहा है कि जसदेव यमला जाट ने अपने पिता लाल चंद यमले जाट की पवित्र और परंपरागत गायन कला को संजीव रखा हुआ था। डा. पातर ने कहा कि जसदेव यमले के निधन से पंजाबी गायकी को अपूर्णीय कमी पड़ी है।

पंजाब कला परिषद् के मीडिया कोआरडीनेटर श्री निन्दर घुग्याणवी ने जसदेव यमला के साथ जुड़ी अपनी यादें सांझी करते हुए बताया कि जसदेव यमला मिलनसार हस्ती के मालिक थे और वह अपने पिता वाली साफ़-सुथरी जि़ंदगी बसर कर रहे थे। श्री घुग्याणवी ने यमला जाट परिवार के साथ अपनी उस्तादी -शागिर्दी वाली सांझ का जिक्र भी किया। जसदेव यमला इस समय पर यमला जाट यादगारी ट्रस्ट के प्रधान थे।

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