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भाजपा ने घोषणापत्र में कश्मीर पर रूख को दोहराया, अनुच्छेद 35ए, 370 को खत्म करने का वादा

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07:02 PM Apr 08, 2019 IST | Desk Team

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भाजपा ने घोषणापत्र में कश्मीर पर रूख को दोहराया  अनुच्छेद 35ए  370 को खत्म करने का वादा
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नई दिल्ली : भाजपा ने सोमवार को अपने घोषणापत्र में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी अनुच्छेद 370 तथा जम्मू कश्मीर के गैर स्थायी निवासियों को परिभाषित करने वाले अनुच्छेद 35ए को समाप्त करने का वादा किया तथा कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी की दिशा में काम करने का संकल्प व्यक्त किया।

भाजपा के संकल्प पत्र में कहा गया है कि पार्टी राज्य के विकास के मार्ग में आने वाले सभी अवराधों को समाप्त करने तथा सभी क्षेत्रों के विकास के लिये पर्याप्त वित्तीय संसाधन मुहैया करायेगा। इसमें जोर दिया गया है कि पिछले पांच वर्षो में निर्णायक कार्रवाई और एक दृढ़ नीति के माध्यम से जम्मू कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिये सभी आवश्यक प्रयास किये गए हैं। संकल्प पत्र में कहा गया है कि पार्टी जनसंघ के समय से ही अनुच्छेद 370 के बारे में अपना दृष्टिकोण दोहराती रही है जो इसे समाप्त करने का रहा है।

भाजपा ने कहा कि हम धारा 35ए को भी खत्म करने के लिये प्रतिबद्ध हैं, हमारा मानना है कि अनुच्छेद 35ए जम्मू कश्मीर के गैर स्थायी निवासियों और महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण है। यह धारा जम्मू कश्मीर के विकास में भी बाधा है। गौरतलब है कि भाजपा अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को समाप्त करने का हमेशा जिक्र करती रही है। इस चुनाव के समय इस पर जोर देना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस प्रस्ताव पर अमल के लिये संसद के दोनों सदनों के समर्थन की जरूरत होगी। कश्मीर स्थित राजनीतिक दल इन दोनों अनुच्छेदों को समाप्त करने के प्रयासों का पुरजोर विरोध करते रहे हैं।

कांग्रेस के घोषणापत्र में इस मुद्दे पर यथास्थिति बनाने रखने की बात कही गई है। हाल ही में पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांफ्रेंस नेता और सज्जाद गनी लोन जैसे नेता इन अनुच्छेद को बनाये रखने की पुरजोर वकालत करते रहे हैं । इनका कहना है कि अनुच्छेद 35ए भरोसे और सम्मान का विषय है। भाजपा के संकल्प पत्र में कश्मीरी पंडितों की राज्य में सुरक्षित वापसी की दिशा में सभी कदम उठाने का जिक्र किया गया है।

नागरिकता संशोधन विधेयक के संबंध में भाजपा के संकल्प पत्र में कहा गया है कि हम पड़ोसी देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिये नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू करने के लिये प्रतिबद्ध है। हम पूर्वोत्तर राज्यों के उन वर्गो के लिये मुद्दों को स्षष्ट करने के लिये सभी प्रयास करेंगे जिन्होंने कानून के बारे में आशंका व्यक्त की है। इसमें कहा गया है कि हम पूर्वोत्तर के लोगों को भाषायी, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान की रक्षा के लिये अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।

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