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भायखला जेल से बाहर आईं नवनीत राणा, लीलावती अस्पताल में मिलने पहुंचे किरीट सोमैया

निर्दलीय सांसद नवनीत राणा को आज जेल से रिहा कर दिया गया है। भायखला जेल से रिहाई के बाद उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए लीलावती अस्पताल ले जाया गया।

03:34 PM May 05, 2022 IST | Desk Team

निर्दलीय सांसद नवनीत राणा को आज जेल से रिहा कर दिया गया है। भायखला जेल से रिहाई के बाद उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए लीलावती अस्पताल ले जाया गया।

हनुमान चालीसा विवाद में लोकसभा से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा को आज जेल से रिहा कर दिया गया है। भायखला जेल से रिहाई के बाद उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए लीलावती अस्पताल ले जाया गया। जहां बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने उनसे मुलाकात की। रिहाई से पहले राणा दंपति की ओर से बोरीवली कोर्ट में आज 50-50 हजार रुपए का बेल बॉन्ड जमा किया गया।  
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नवनीत राणा के वकील दीप मिश्रा ने बताया कि भायखला जेल से रिहाई के बाद निर्दलीय सांसद को लीलावती अस्पताल ले जाया गया है जहां उनका मेडिकल चेकअप किया जाएगा। मुंबई की सेशन कोर्ट ने बुधवार को 50 हजार रूपए प्रति व्यक्ति का सिक्योरिटी बॉन्ड और अन्य कई शर्तो के साथ राणा दंपत्ति की जमानत मंजूर की। 
कोर्ट ने इस तरह के मामलों में दोबारा ना फंसने और सबूतों से किसी भी तरह की छेड़छाड़ ना करने और इस मामले पर किसी भी तरह की प्रेस कॉन्फ्रेंस ना करने की सख्त हिदायत भी दी। बता दें कि अमरावती की सांसद और उनके विधायक पति रवि राणा को पिछले महीने मुंबई पुलिस ने बांद्रा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की सार्वजनिक घोषणा के बाद गिरफ्तार किया था। 
हालांकि राणा दंपति ने सीएम उद्धव के आवास के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की अपनी योजना को छोड़ दिया था, लेकिन मुंबई पुलिस ने उनके खिलाफ देशद्रोह और दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में FIR दर्ज की थी। मुंबई की बांद्रा कोर्ट ने राणा दंपति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। 
राणा दंपत्ति पर आईपीसी की धारा 153 (ए) (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) और धारा 135 के तहत मामला दर्ज किया गया था। मुंबई पुलिस अधिनियम (पुलिस के निषेधाज्ञा का उल्लंघन) द्वारा दंपति को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उनके खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में पुलिस ने उनके खिलाफ मामले में आईपीसी की धारा 124-ए (देशद्रोह) भी जोड़ा गया था।
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