छत्तीसगढ़ के बीजापुर में मुखबिर होने के संदेह में नक्सलियों ने की ग्रामीण की हत्या
नक्सलियों ने ग्रामीण को अगवा कर गला घोंटा
पुलिस ने बताया कि नक्सलियों ने बीजापुर जिले में एक ग्रामीण की हत्या कर दी, उस पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया। यह घटना 16 जनवरी को मिरतुर पुलिस थाने की सीमा के अंतर्गत हल्लुर गांव में हुई। पीड़ित की पहचान 48 वर्षीय सुक्कू हपका के रूप में हुई, जिसे नक्सलियों ने उसके घर से अगवा कर लिया और बाद में गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।
घटना कथित तौर पर शाम 6 बजे के आसपास हुई और घटनास्थल से प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) भैरमगढ़ एरिया कमेटी का एक पर्चा बरामद किया गया। पर्चा में आरोप लगाया गया है कि मृतक की हत्या पुलिस का मुखबिर होने के कारण की गई।
स्थानीय पुलिस ने कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है और मामले की जांच कर रही है। यह घटना छत्तीसगढ़ के माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों द्वारा सामना की जा रही हिंसा और चुनौतियों को उजागर करती है।
इस बीच, पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सलियों द्वारा एक IED विस्फोट किए जाने से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवान घायल हो गए। यह घटना सुबह उस समय हुई जब कैंप गरपा और गरपा गांव के बीच बीएसएफ की रोड ओपनिंग पार्टी तैनात की जा रही थी। घटना की पुष्टि नारायणपुर के एसपी प्रभात कुमार ने की है और अधिकारियों द्वारा विस्तृत जानकारी बाद में साझा की जाएगी।
गुरुवार को बीजापुर जिले के बासागुड़ा थाना अंतर्गत पुतकेल गांव के पास नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ के दो जवान घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि घायल जवानों को निकाल लिया गया है और अब उनकी हालत स्थिर है। यह विस्फोट ऐसे समय हुआ है जब सुरक्षा बल बीजापुर में नक्सल विरोधी अभियान तेज कर रहे हैं।
12 जनवरी को बीजापुर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो महिलाओं समेत पांच नक्सली मारे गए थे। बीजापुर जिले के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के अंतर्गत जंगलों से कई स्वचालित और अन्य हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए थे। बरामद हथियारों में एक एसएलआर राइफल, एक 12 बोर राइफल, दो सिंगल-शॉट राइफल, एक बीजीएल लांचर और एक स्थानीय रूप से निर्मित भारमार बंदूक के साथ-साथ विस्फोटक, माओवादी साहित्य और अन्य नक्सली सामग्री शामिल हैं।