Amazon को चुकाना होगा 200 करोड़ रुपये का जुर्माना, NCLAT ने दिया 45 दिन का अल्टीमेटम
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) को झटका देते हुए 200 करोड़ रुपये के जुर्माने को बरकरार रखा है।
02:33 PM Jun 13, 2022 IST | Desk Team
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) को झटका देते हुए 200 करोड़ रुपये के जुर्माने को बरकरार रखा है। कॉम्पीटीशन कमीशन ऑफ़ इंडिया (CCI) ने अमेजन पर यह जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही एनसीएलएटी ने अमेजन को 45 दिनों के भीतर 200 करोड़ रुपये जुर्माना जमा करने को कहा है।
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ट्रिब्यूनल की पीठ ने सोमवार को अपने फैसले में सीसीआई के अमेजन फ्यूचर कूपंस के सौदे के निलंबन के आदेश से सहमति जताते हुए उसे कायम रखा। ट्रिब्यूनल ने माना कि अमेजन ने आयोग के समक्ष इस करार का पूरा खुलासा नहीं किया था। अमेजन ने 200 करोड़ रुपये जुर्माने को एनसीएलएटी में चुनौती दी थी।
एनसीएलएटी ने CCI के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि अमेजन ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड में अपने रणनीतिक हितों के बारे में पूरी और पारदर्शी जानकारी नहीं दी। बंद हो चुके रिटेल स्टोर चेन बिग बाजार (Big Bazaar) का संचालन फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) ही करती थी।
पिछले साल दिसंबर में, सीसीआई ने फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अमेजन द्वारा किए गए सौदे के लिए 2019 में उसके द्वारा दी गई मंजूरी को निलंबित कर दिया था और साथ ही 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
अमेजन ने इसके खिलाफ एनसीएलएटी में अपील दायर की थी। फ्यूचर कूपंस लिमिटेड (एफसीपीएल) फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) की प्रवर्तक है। आदेश में कहा गया, ‘‘इस न्यायाधिकरण का मानना है कि अपीलकर्ता अमेजन प्रासंगिक जानकारी देने में विफल रहा।’’
इसके साथ एनसीएलएटी ने 200 करोड़ रुपये के जुर्माने को बरकरार रखा, तथा 1-1 करोड़ रुपये के दो जुर्माने की राशि को घटाकर 50-50 लाख कर दिया। जुर्माने की राशि 45 दिनों के भीतर जमा करनी है। अमेजन इस मामले को अक्टूबर, 2020 में सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र में लेकर गई थी।
तब से दोनों कंपनियों के बीच कानूनी लड़ाई छिड़ गई है। अमेजन का कहना है कि एफआरएल ने रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये का बिक्री करार कर 2019 में उसके साथ हुए निवेश समझौते का उल्लंघन किया है।
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