NEET Exam Case: NEET परीक्षा को लेकर भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोप लगाए जा रहे हैं। हालांकि, इन सभी बातों से इनकार करते हुए शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों से बिना भ्रमित हुए नीट की काउंसलिंग में शामिल होने को कहा है।
Highlights
- शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने छात्रों को दिलाई भरोसा
- बच्चों के कैरियर के साथ खिलवाड़ नहीं होगा- धर्मेंद्र प्रधान
- धर्मेंद्र प्रधान ने छात्रों से अपील
- छात्र बिना भ्रमित हुए नीट की काउंसलिंग में हों शामिल- धर्मेंद्र प्रधान
NEET Exam Case: शिक्षा मंत्री ने छात्रों दिलाया भरोसा
शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि NEET परीक्षा मामले(NEET Exam Case) में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत परीक्षार्थियों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, मैं परीक्षार्थियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी भी बच्चे के कैरियर के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। नीट की काउंसलिंग के लिए भ्रमित हुए बिना आगे बढ़ने की आवश्यकता है। इस मामले से जुड़े तथ्य माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में हैं। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे, सरकार उसे पूरा करेगी।
SC के निर्देशानुसार 1,563 विद्यार्थियों की परीक्षा दोबारा
इससे पहले शिक्षा मंत्री कह चुके हैं कि NEET मामले(NEET Exam Case) में एनटीए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए उचित कार्रवाई करने को प्रति बद्ध है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 1,563 विद्यार्थियों की परीक्षा दोबारा कराई जाएगी। इससे संबंधित सारे तथ्य सुप्रीम कोर्ट के सामने हैं।
NEET Exam Case: धर्मेंद्र प्रधान का कांग्रेस पर निशाना
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, मैं कांग्रेस को याद दिलाना चाहता हूं कि पेपर लीक रोकने और नकल विहीन परीक्षा के लिए केंद्र सरकार ने 'पब्लिक एग्जामिनेशन प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मिंस एक्ट' पारित किया है। इसमें कई कड़े प्रावधान हैं। कांग्रेस गलतफहमी में न रहे कि कोई भी गठजोड़ पाया जाएगा तो उस पर कार्रवाई नहीं होगी। इस एक्ट के प्रावधानों को बहुत बारीकी से अमल में लाया जाएगा।''
'कांग्रेस को भ्रम फैलाने की बजाय भारत के विकास में योगदान देना चाहिए'
शिक्षा मंत्री का कहना था कि छात्रों के भविष्य पर राजनीति करना कांग्रेस की पुरानी आदत है। राजनीतिक रोटियां सेंकने की बजाय कांग्रेस को भारत के विकास में योगदान देना चाहिए। इस मुद्दे पर जिस तरह की राजनीति की जा रही है, वह केवल भ्रम फैलाने की कोशिश है और इससे विद्यार्थियों की मानसिक शांति पर असर पड़ता है।