कौन हैं Neha Dhawan? जिन्हें बनाया गया हिंदी सलाहकार समिति की राष्ट्रीय सदस्य
उत्तर भारत के हरियाणा राज्य से संबंध रखने वाली Neha Dhawan को कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति में राष्ट्रीय सदस्य के रूप में चुना गया है। यह नियुक्ति भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा की गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह नियुक्ति केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय की अनुमति के बाद की गई है। राजभाषा विभाग की संयुक्त सचिव मीनाक्षी जौली द्वारा इस संबंध में आधिकारिक सूचना जारी की गई है। Neha Dhawan को यह जिम्मेदारी एक गैर-सरकारी सदस्य के रूप में सौंपी गई है।
हरियाणा की पहचान बनी नेहा
Neha Dhawan हरियाणा के हांसी शहर की निवासी हैं और पेशे से वकील हैं। इसके साथ ही वे हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता के रूप में सक्रिय हैं। इस राष्ट्रीय समिति में पूरे देश से केवल तीन सदस्यों को नामित किया गया है, जिनमें नेहा धवन के अलावा छत्तीसगढ़ के रायपुर से डॉ. मानिक विश्वकर्मा और चेन्नई से श्री श्री कांथा कन्नन को भी शामिल किया गया है।

हरियाणा को मिला प्रतिनिधित्व
Neha Dhawan ने इस अवसर को हरियाणा और अपने परिवार के लिए गौरव की बात बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत से प्रतिनिधित्व मिलना उनके लिए सौभाग्य की बात है। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त किया है।
केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद
Neha Dhawan ने विशेष रूप से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री श्री अमित शाह, गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल खट्टर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे.पी. नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष श्री मोहनलाल बडोली, प्रदेश प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया और संगठन मंत्री श्री फनिंद्रनाथ का आभार जताया।
हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य करेंगी
Neha Dhawan ने कहा कि वह इस नई भूमिका में पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ कार्य करेंगी। वे मंत्रालय के साथ मिलकर तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में हिंदी भाषा के उपयोग और विस्तार के लिए काम करेंगी। उन्होंने शिक्षा में हिंदी की महत्ता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता भी जताई।
शिक्षा और साहित्य में उल्लेखनीय योगदान
आपको बता दें, कि नेहा धवन न केवल एक कुशल वकील और राजनेता हैं, बल्कि वे एक जानीमानी शिक्षाविद भी हैं। उन्होंने अब तक 25 से अधिक पुस्तकों का लेखन, संपादन और अनुवाद किया है, जिससे उनका साहित्यिक योगदान भी उल्लेखनीय रहा है।