Nirav Modi का भाई गिरफ्तार, इस मामले में हुई कार्रवाई
Nehal Modi Arrested: पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के एक और अहम आरोपी नीरव मोदी (Nirav Modi) के भाई नेहल दीपक मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है। अमेरिकी अभियोजन पक्ष द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार, नेहल मोदी के खिलाफ दो मुख्य आरोपों के आधार पर प्रत्यर्पण की कार्यवाही की जा रही है।
भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा किए गए प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है: अधिकारी pic.twitter.com/YJbFNHS6Y7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 5, 2025
भारत लाया जाएगा नेहल मोदी
नेहल मोदी की गिरफ्तारी भारत सरकार के औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध के तहत की गई है और अब उसके अमेरिका प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। (Nehal Modi Arrested) अमेरिकी अभियोजन पक्ष की ओर से दर्ज शिकायत के अनुसार, नेहल मोदी के खिलाफ दो मुख्य आरोपों के आधार पर प्रत्यर्पण की कार्यवाही की जा रही है।
इन मामले में कार्रवाई
नेहल मोदी पर अपने भाई नीरव मोदी को करोड़ों रुपये की अवैध कमाई छिपाने और उसे फर्जी कंपनियों और विदेशी लेन-देन के जरिए इधर-उधर करने में मदद करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट में नेहल मोदी (Nehal Modi Arrested) को सह-आरोपी बनाया गया है और उस पर सबूत नष्ट करने का भी आरोप है।
2019 में मिली नोटिस
गौरतलब है कि 2019 में इंटरपोल ने नेहल मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इससे पहले उसके भाई नीरव मोदी और निशाल मोदी के खिलाफ भी इंटरपोल नोटिस जारी हो चुका है। नेहल बेल्जियम का नागरिक है और उसका जन्म एंटवर्प में हुआ था। वह अंग्रेजी, हिंदी और गुजराती भाषा जानता है। (Nehal Modi Arrested) नीरव मोदी पहले से ही ब्रिटेन की जेल में बंद है और उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी चल रही है। नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पीएनबी घोटाले के मुख्य दोषी हैं, जिसमें बैंक को करीब 14,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
17 जुलाई को सुनवाई
नेहल मोदी के प्रत्यर्पण मामले में अगली सुनवाई 17 जुलाई 2025 को तय की गई है, जिसमें 'स्टेटस कॉन्फ्रेंस' आयोजित की जाएगी। इस दौरान नेहल मोदी की ओर से जमानत याचिका भी दायर की जा सकती है, जिसका अमेरिकी अभियोजन पक्ष विरोध करेगा। (Nehal Modi Arrested) यह गिरफ्तारी न केवल भारत की जांच एजेंसियों के लिए एक रणनीतिक उपलब्धि है, बल्कि इससे पीएनबी घोटाले की तह तक पहुंचने और दोषियों को कानून के शिकंजे में लाने की प्रक्रिया को भी बल मिलेगा।