Neil Nitin Mukesh ने नेपोटिज्म को लेकर दिया बयान
फिल्मी दुनिया में हमेशा संघर्ष रहेगा: नील नितिन मुकेश
नील नितिन मुकेश ने नेपोटिज्म के मुद्दे पर कहा कि इंडस्ट्री में स्टार किड्स पर भारी दबाव होता है। उन्होंने बताया कि फिल्मी दुनिया में संघर्ष कभी खत्म नहीं होता और नेपो किड्स को हमेशा तुलना का सामना करना पड़ता है।
बॉलीवुड अभिनेता नील नितिन मुकेश ने हाल ही में नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद पर अपने विचार प्रकट किए हैं। यह बॉलीवुड इंडस्ट्री में हमेशा से ही एक विवादित और चर्चित मुद्दा रहा है। नील नितिन मुकेश ने इस मुद्दे पर अपनी राय दी और साथ ही उन्होंने बताया कि इस मामले में नेपो किड्स पर बहुत ज्यादा दबाव डाला जाता है। उनका मानना है कि इंडस्ट्री में एक स्टार के बच्चे होने के कारण उन पर हमेशा तुलना का दबाव रहता है, जो उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है
नेपोटिज्म को लेकर कही ये बात
नील नितिन मुकेश ने कहा कि अगर नेपोटिज्म से कोई लाभ होता तो वह आज कहीं और होते। अभिनेता ने यह बात एक तरह से यह जताने के लिए कही कि उनका मानना है कि केवल परिवार के नाम से इंडस्ट्री में सफलता नहीं मिलती। नील ने कहा, “अगर नेपोटिज्म से कोई फायदा होता तो आज मैं कहीं और होता।” यह बयान यह दर्शाता है कि उन्होंने अपने करियर में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत की है और उन्हें यह भरोसा है कि किसी भी व्यक्ति को अपनी मेहनत और संघर्ष के बिना सफलता नहीं मिल सकती।
नेपो किड्स मांगी माफी
इसके बाद नील नितिन मुकेश ने नेपो किड्स के बारे में बात करते हुए कहा, “नेपो किड माफ कीजिए, हमारी फील्ड में ग्लोरिफाई ज्यादा किया जाता है, क्योंकि एक्टर होने के नाते हम कुछ भी करते हैं तो नोटिस किया जाता है।” उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अगर कोई डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनता है, तो उसे भी नेपो किड कहा जा सकता है, लेकिन यह आलोचना केवल फिल्म इंडस्ट्री में ज्यादा जोर पकड़ती है। उनका कहना था कि किसी भी फील्ड में परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाना स्वाभाविक है, और इसमें कोई गलत बात नहीं है। लेकिन इस प्रक्रिया को सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में ही बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जाता है, जबकि अन्य क्षेत्रों में ऐसा नहीं होता।
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बेटी को लेकर कही ये बात
नील नितिन मुकेश ने इस पर भी जोर दिया कि अगर उनकी बेटी बड़ी होकर अभिनेत्री, लेखिका या फिल्म निर्माता बनना चाहती है, तो वह उसे सिर्फ मार्गदर्शन दे सकते हैं, लेकिन वह उसे यह नहीं कह सकते कि यह व्यवसाय उसे सौंप दिया जाएगा। उनका कहना था कि “मैं उसे सिर्फ सिखा सकता हूं, लेकिन उसे यह व्यवसाय सौंप नहीं सकता हूं।” इसका मतलब यह है कि वह चाहते हैं कि उनकी बेटी अपनी राह खुद चुने, लेकिन वह उसे अपने अनुभव और मार्गदर्शन से मदद देने के लिए तैयार हैं।
नील ने यह भी कहा कि वह मुकेश जी के पोते और नितिन मुकेश के बेटे हैं, और उनके परिवार का बॉलीवुड से गहरा संबंध रहा है। वह इस इंडस्ट्री के तीसरी पीढ़ी के सदस्य हैं और उनका यह मानना है कि वह बचपन से ही अभिनय के प्रति आकर्षित थे। उनके लिए अभिनय कोई नया क्षेत्र नहीं था। नील ने यह भी बताया कि बेशक उनके दादा और पिता इस क्षेत्र से जुड़े थे, लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा कि अभिनय उनके लिए सिर्फ एक पेशा है, बल्कि यह उनके जीवन का एक अहम हिस्सा है।