Nepal Protest: Gen-Z का उग्र प्रदर्शन, नेपाल के गृहमंत्री ने दिया इस्तीफा, अब तक 20 लोगों की मौत
Nepal Protest: नेपाल में सोशल मीडिया बैन को लेकर हालात काफी तनावपूर्ण हो गए हैं। सरकार के इस फैसले के विरोध में देशभर में खासकर युवा वर्ग सड़कों पर उतर आया है। इस विरोध ने अब हिंसक रूप ले लिया है, जिसमें अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
Nepal Protest: अब तक 20 लोगों की जान गई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों में से 18 लोग काठमांडू और 2 लोग इटाहरी से हैं। इन हिंसक झड़पों में प्रदर्शनकारियों के साथ-साथ सुरक्षाकर्मी और पत्रकार भी घायल हुए हैं। घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और सरकार ने उनके लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की है।

Nepal Gen-Z Protest: सोशल मीडिया बैन का कारण
नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को एक सप्ताह के भीतर देश में पंजीकरण कराने का आदेश दिया था। सरकार का कहना था कि इससे देश में गलत जानकारी और अफवाहों पर रोक लगेगी। लेकिन जब मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम), गूगल सहित अन्य बड़ी कंपनियों ने यह रजिस्ट्रेशन नहीं कराया, तो सरकार ने इन प्लेटफॉर्म्स को बैन करने का निर्णय लिया।

Nepal News: युवाओं का गुस्सा फूटा
इस बैन के बाद खासकर युवाओं में नाराजगी बढ़ गई, क्योंकि सोशल मीडिया उनके जीवन का एक अहम हिस्सा है। विरोध में युवा सड़कों पर उतर आए और शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू किया। लेकिन जब सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज, आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया, तो हालात और बिगड़ गए। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार को सेना बुलानी पड़ी। कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके बावजूद छात्र और युवा सड़कों पर डटे हुए हैं और वे सोशल मीडिया बैन वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

Gen-Z Protest: राजनीतिक हलचल तेज
इस पूरे घटनाक्रम के बीच नेपाल की राजनीति में भी हलचल मच गई है। प्रधानमंत्री निवास पर आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई गई, जिसमें देश के गृहमंत्री रमेश लेखक ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की घोषणा की है। यह फैसला हालात की गंभीरता को दर्शाता है।

भारत-नेपाल सीमा पर बढ़ाई गई सुरक्षा
नेपाल में बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत ने भी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है ताकि कोई अप्रिय स्थिति न हो। सरकार ने देशभर की सभी परीक्षाएं फिलहाल स्थगित कर दी हैं। वहीं कई ट्रॉमा सेंटर और अस्पतालों में भी हिंसा की खबरें सामने आई हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस बल असली गोलियां चला रहा है, जिससे हालात और बिगड़ रहे हैं।
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