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मध्यप्रदेश में सीएम शिवराज ने 15 दिन के लिये 'किल कोरोना' अभियान की शुरुआत की

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रदेश में एक पखवाड़े तक चलने वाले ‘‘किल कोरोना’’ अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि जब लगभग तीन माह पहले उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रुप में पदभार संभाला था, तब कोरोना महामारी से लड़ने के लिये बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बहुत खराब थी।

08:39 PM Jul 01, 2020 IST | Ujjwal Jain

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रदेश में एक पखवाड़े तक चलने वाले ‘‘किल कोरोना’’ अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि जब लगभग तीन माह पहले उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रुप में पदभार संभाला था, तब कोरोना महामारी से लड़ने के लिये बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बहुत खराब थी।

मध्यप्रदेश में सीएम शिवराज ने 15 दिन के लिये  किल कोरोना  अभियान की शुरुआत की
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रदेश में एक पखवाड़े तक चलने वाले ‘‘किल कोरोना’’ अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि जब लगभग तीन माह पहले उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रुप में पदभार संभाला था, तब कोरोना महामारी से लड़ने के लिये बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बहुत खराब थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तब एक जांच लैब थी और सिर्फ 60 टेस्ट प्रतिदिन होते थे जबकि अब प्रदेश में कोरोना की जांच के लिए 30 लैब विकसित करते हुए प्रतिदिन 9 हजार टेस्ट तक पहुँच गये हैं।
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‘‘किल कोरोना” अभियान के तहत, राज्य सरकार ने 1 जुलाई से 15 जुलाई तक कोविड-19 के लिए राज्य भर में पूरी आबादी की स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा है। कार्यक्रम में संबोधित करते हुए बुधवार को चौहान ने कहा, ‘‘कोरोना के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति अब पहले से बेहतर है। 23 मार्च को रात को शपथ लेने के बाद मैं सीधे वल्लभ भवन (राज्य सचिवालय) गया क्योंकि मुझे इस बीमारी की गंभीरता और आगामी खतरों का एहसास हो गया था।’’
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चौहान ने कहा, “उस समय, कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए कोई सिस्टम नहीं था। दिन में केवल 60 परीक्षणों की क्षमता के साथ केवल एक प्रयोगशाला थी। उस समय, इंदौर के कई इलाकों में संक्रमण फैल गया था। भोपाल में, संक्रमण स्वास्थ्य विभाग में फैल गया, जहां तत्कालीन प्रधान सचिव सहित कई अधिकारी और कर्मचारी संक्रमित हो गए थे। प्रदेश में ऐसी भयानक स्थिति पर नियंत्रण करना था।’’

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उन्होंने कहा कि अब मध्यप्रदेश कोरोना संक्रमण के मामले में देश में 12 वें क्रम पर है जबकि पहले यह चौथे क्रम पर था। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया, ‘‘अब हम प्रदेश में कोरोना की जांच के लिए 30 लैब विकसित करते हुए प्रतिदिन नौ हजार टेस्ट तक पहुँच गये हैं। प्रदेश का रिकवरी रेट 77 प्रतिशत है। यह अन्य प्रदेशों से अच्छा है। संक्रमण कम हो गया है तथा हमारी व्यवस्थाएं मजबूत हैं और हम निजी अस्पतालों का भी सहयोग ले रहे हैं। इन्दौर और भोपाल में कोरोना को नियंत्रित करने में सफलता मिली है।’’
चौहान ने कहा कि अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के दल अगले 15 दिनों में घर-घर सर्वे करेंगे और अब कोरोना पूरी तरह नियंत्रित होगा। उन्होंने लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी इस अभियान में मदद करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने मुरैना क्षेत्र में अचानक कोरोना के मामलों में तेजी के लिये राजस्थान के धौलपुर से लोगों की आमद को जिम्मेदार बताया और कहा कि अब धौलपुर से आने वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है। अंतर्राज्यीय मार्ग, संक्रमण का कारण न बनें, इसके लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
चौहान ने कोरोना महामारी से लड़ने और समर्पित तौर पर कार्य करने के लिये चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ और अन्य कोरोना योद्धाओं को भी धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कोविड-19 महामारी के संबंध में लोगों के मदद के लिये ‘‘सार्थक लाइट’’ ऐप भी प्रस्तुत किया। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि कोरोना नियंत्रण के लिये मुख्यमंत्री ने गत 23 मार्च से अब तक करीब 275 घंटे वीडियो कांफ्रेस कर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना रोगियों के लिये विकसित बिस्तर क्षमता का 17 प्रतिशत ही उपयोग में आ रहा है।

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