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Netanyahu : सउदी अरब के साथ शांति समझौते से फिलिस्तीनियों के साथ संघर्ष का होगा समाधान

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि सऊदी अरब और इत्रराइल के बीच एक शांति समझौते से इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का समाधान होगा

12:32 PM Dec 16, 2022 IST | Desk Team

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि सऊदी अरब और इत्रराइल के बीच एक शांति समझौते से इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का समाधान होगा

netanyahu   सउदी अरब के साथ शांति समझौते से फिलिस्तीनियों के साथ संघर्ष का होगा समाधान
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि सऊदी अरब और इत्रराइल के बीच एक शांति समझौते से इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का समाधान होगा।
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एक समाचार पत्र ने इजराइली राष्टपति नेतन्याहू द्वारा सऊदी दैनिक ‘अल अरबिया’ को दिये गये साक्षात्कार के हवाले से यह बात कही। श्री नेतन्याहू ने सुझाव दिया कि फिलिस्तीनी नेताओं के साथ सीधे बातचीत करने की तुलना में वर्ष 2020 के अब्राहम समझौते में हुई प्रगति का विस्तार करना होगा और यह इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन तथा अन्य अरब राज्यों के लिए शांति का एक अधिक प्रभावी मार्ग होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि फिलिस्तीन के नेता इजरायल को मान्यता देने को तैयार नहीं थे।
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सऊदी अरब के साथ शांति दो उद्देश्यों की पूर्ति करेगी
यह इजरायल और अरब दुनिया के बीच एक समग, शांति के लिए एक लंबी छलांग होगी, यह हमारे क्षेत्र को उन तरीकों से बदल देगी जो अकल्पनीय है।’’ उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह अंतत, एक फिलिस्तीनी-इजरायल शांति की सुविधा प्रदान करेगा। मुझे उस पर विश्वास है। मैं इसे आगे बढ़ने का इरादा रखता हूं। नेतन्याहू ने शांति स्थापित करने में विफल रहने के लिए फिलिस्तीनी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया।
रियाद के साथ शांति हासिल करना
सऊदी अरब के नेतृत्व’ पर निर्भर है।’’ अरब-इजरायल शांति प्राप्त करने के लिए सऊदी अरब ने वर्ष 2002 में ‘अरब शांति पहल ’की अगुवाई की थी,इस प्रस्ताव के तहत अगर इजरायल अरब क्षेत्रों के सभी कब्जे को उलटने के लिए सहमत हो गया होता। इस पहल के बारे में पूछे जाने और क्या वह इसे एक ब्लूपि्रंट के रूप में मानने के लिए तैयार है,श्री नेतन्याहू ने इसकी निर्धारित शर्तों को पूरा करने पर टिप्प्णी करने से परहेज किया।
आगे उन्होंने बताया  कि, संघर्ष को हर तरह से समाप्त करने की इच्छा का एक संकेत था, लेकिन मुझे लगता है कि 20 साल बाद हमें एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है।’’ सऊदी अरब,फ़रलिस्तीन के सबसे बड़ समर्थकों में से एक रहा है और उसने बार-बार कहा है कि इत्रराइल के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने से पहले उसे एक राज्य के रुप में देखने की त्ररूरत है।
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