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16 घंटे तक भूखा-प्यासा रखा, जानवरों जैसा व्यवहार, नई नवेली दुल्हन ने सुनाई दर्दनाक कहानी

08:35 PM Jul 05, 2025 IST | Priya
16 घंटे तक भूखा प्यासा रखा  जानवरों जैसा व्यवहार  नई नवेली दुल्हन ने सुनाई दर्दनाक कहानी

वाशिंगटन : अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के बीच एक फिलिस्तीनी नवविवाहिता ने अपनी हिरासत के दौरान झेली गई अमानवीय परिस्थितियों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। वार्ड साकीक नामक इस महिला ने बताया कि कैसे उन्हें चार महीने से अधिक समय तक अमेरिकी आव्रजन हिरासत में रखा गया, जहां उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया गया।

हनीमून से लौटते वक्त हुई गिरफ्तारी
वार्ड साकीक, जिनकी शादी एक अमेरिकी नागरिक ताहिर शेख से हुई है, हनीमून के लिए अपने पति के साथ यूएस वर्जिन आइलैंड्स गई थीं। लौटते समय मियामी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उन्हें आव्रजन अधिकारियों द्वारा हिरासत में ले लिया गया। उनका आरोप है कि उन्हें बिना किसी स्पष्ट वजह के 16 घंटे तक भूखा-प्यासा रखा गया और बेड़ियों में जकड़कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया गया। इस दौरान उन्हें चार अलग-अलग डिटेंशन सेंटर्स में रखा गया, जहां बुनियादी सुविधाओं की भी भारी कमी थी।

"जानवरों जैसा व्यवहार हुआ"
वार्ड ने बताया, “मुझे हथकड़ी पहनाकर मवेशियों की तरह घुमाया गया। मुझे कई बार ऐसा लगा कि मैं इंसान नहीं, कोई अपराधी या जानवर हूं।” उन्होंने कहा कि हिरासत के दौरान उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया।

अमेरिकी प्रशासन पर गंभीर आरोप
वार्ड साकीक ने मीडिया को बताया कि अमेरिकी प्रशासन उन्हें ऐसी जगह भेजना चाहता था, जहां के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, “मैंने ग्रीन कार्ड के लिए वैध रूप से आवेदन किया था और इसी कारण यूएस वर्जिन आइलैंड्स को चुना था ताकि प्रक्रिया आसान हो। परंतु मुझे हनीमून से लौटते ही हिरासत में ले लिया गया।” करीब 140 दिन की हिरासत के बाद रिहा हुईं वार्ड ने कहा, “रिहाई के बाद जब मैंने अपने पति को गले लगाया, तो मुझे असली आज़ादी का एहसास हुआ। मैंने पांच महीने बाद पहली बार पेड़ देखा और खुली हवा में सांस ली।”

प्रवासन नीति पर उठे सवाल
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में प्रवासन नीतियों को लेकर कई विवाद हुए थे। अवैध प्रवासियों के खिलाफ अभियान के तहत सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया या अमेरिका से बाहर कर दिया गया। वार्ड साकीक का मामला इस नीति की क्रूरता और मानवीय संवेदनाओं की अनदेखी का प्रतीक बनकर सामने आया है।

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