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सियालकोट गैंगरेप : कोर्ट का फैसला, पाकिस्तान चैनलों पर नहीं दिखाई जाएंगी सामूहिक दुष्कर्म की खबरें

पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण ने पिछले महीने यहां के पंजाब प्रांत में हुए एक बर्बर सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बारे में दिखाए जाने को लेकर यहां के सभी टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

06:02 PM Oct 03, 2020 IST | Ujjwal Jain

पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण ने पिछले महीने यहां के पंजाब प्रांत में हुए एक बर्बर सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बारे में दिखाए जाने को लेकर यहां के सभी टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) ने पिछले महीने यहां के पंजाब प्रांत में हुए एक बर्बर सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बारे में दिखाए जाने को लेकर यहां के सभी टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। पुलिस के अनुरोध पर एक ट्रायल कोर्ट द्वारा यह आदेश पारित किया गया है।
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शुक्रवार को पेमरा के जनरल मैनेजर (ऑपरेशंस-ब्रॉडकास्ट मीडिया) मुहम्मद ताहिर द्वारा जारी एक निर्देश के हवाले से डॉन न्यूज ने बताया, सभी उपग्रह टीवी चैनल (समाचार और करंट अफेयर्स) को यह निर्देश दिया जाता है कि वे सियालकोट मोटरवे की घटना के बारे में आतंकवाद-रोधी न्यायालय, लाहौर के आदेशों का पालन करें और आने वाले समय में तत्काल मामले के संबंध में किसी भी सामग्री को प्रसारित किए जाने से बचें।
जांच अधिकारी (आईओ) जुल्फिकार चीमा ने एटीसी के समक्ष एक आवेदन दायर किया था, जिसमें घटना के मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि यह घटना एक जघन्य अपराध है और मीडिया मामले को बड़ी ही लापरवाही के साथ दिखा रही है। 
चीमा ने अदालत को आगे बताया कि घटना के मीडिया कवरेज से प्रमुख संदिग्ध की गिरफ्तारी में बाधा पैदा हो रही है। अपने निर्णय में पीठासीन न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने आईओ की दलील को स्वीकार किया और कहा कि मीडिया कवरेज के चलते पीड़िता और उसके परिवार को भी अपमान का सामना करना पड़ सकता है।
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